नई दिल्ली: “संविधान का निर्माण संविधान के निर्माताओंसंविधान सभा के सदस्यों द्वारा 18 सत्रों में बिना किसी व्यवधान केबिना किसी गड़बड़ी केबिना किसी नारेबाजी केबिना कोई पोस्टर लहरायेतीन साल की अथक मेहनत के बाद किया गया था.” यह बात संसद भवन में राज्यसभा इंटर्नशिप कार्यक्रम के तीसरे बैच के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कही. उन्होंने कहा कि संविधान सभा बहसवार्ताचर्चा और विचार-विमर्श के तंत्र के माध्यम से काम करता था. हालांकि उनके सामने चुनौतियां बहुत बड़ी थींउनका समाधान करना असंभव थामुद्दे विभाजनकारी थेफिर भी उन्होंने इसके लिए काम किया और अब कुछ लोग हमारे देश को विभाजित करना चाहते हैं. यह नासमझी की हद है. भारतीय संविधान की प्रस्तावना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम भारत के लोग इसके स्रोत हैं. हम स्वयं को यह संविधान न्यायस्वतंत्रतासमानता और बंधुत्व के लिए देते हैं. जरा सोचिए कि कोई इस देश के बाहर बंधुत्व के टुकड़े करना चाहता हैऐसी स्थिति की कल्पना करना जो अस्तित्व में ही नहीं है.

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आरक्षण हमारे संविधान में अंतर्निहित है. यह सकारात्मक कार्रवाई के माध्यम से है. यह हमारे संविधान का एक जीवंत पहलू है. कुछ लोग बाहर जाते हैं और इसे हल्के में लेते हैं.” युवा प्रतिभाओं एवं नागरिकों से एक साथ काम करने और विभाजन को बेअसर करने का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के शत्रुओं द्वारा संचालित कुछ उग्रवादी तत्वों कोदेश में अशांति पैदा करने तथा  विभाजन पैदा करने के इच्छुक लोगों द्वारा हर तरह से शह दी जाती हैउन्हें युवा प्रतिभाओं और सभी नागरिकों द्वारा एक साथ काम करके बेअसर किया जाना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि हम सच्चे भारतीय है और हम अपने देश में यकीन रखते हैंतो हम कभी भी देश के दुश्मनों का साथ नहीं देंगे. हम सब देश के लिए पूरी ताकत से खड़े रहेंगे. उपराष्ट्रपति ने कहा किहम चुप रह कर इस तरह के अपराध में भागीदार बन रहे हैं. आप में से हर एक को बोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम किसी भी तरह से राष्ट्रवाद के प्रति अपने समर्पण को कम नहीं होने देंगे.  हमारा संकल्प है कि राष्ट्रवाद परिवारस्वयं और राजनीति से भी सर्वोपरि होना चाहिए. इस अवसर पर राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदीराज्यसभा के सचिव राजित पुनहानीराज्यसभा की अतिरिक्त सचिव डा वंदना कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.