नई दिल्ली: भारतीय भाषाओं की समृद्धशाली विरासत और सभ्यता के साथ उनके जुड़ाव के महत्त्व को बताने का कोई भी अवसर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चूकते नहीं हैं. चाहे वह संस्कृत की बात हो या पाली कीवे इन भाषाओं से जुड़े अवसरों पर जनमानस को अवश्य जागरूक करते हैं. अभी जब असम में भाषा गौरव सप्ताह मनाया गया तो उन्होंने असम के लोगों को शुभकामनाएं दीं और भाषा गौरव सप्ताह के महत्त्व पर भी प्रकाश डाला. सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स‘ पर एक पोस्ट से उन्होंने हाल ही में असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने का जश्न मनायाजो इस क्षेत्र की समृद्ध भाषाई और सांस्कृतिक विरासत को एक महत्त्वपूर्ण मान्यता प्रदान करता है.

प्रधानमंत्री ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा असम की समृद्ध भाषाई विरासत के एक सप्ताह तक चलने वाले उत्सव- भाषा गौरव सप्ताह- की शुरुआत की घोषणा करने के लिए बधाई दी और खुशी जाहिर करने के साथ ही इसे असमिया संस्कृति के प्रति जुड़ाव का अवसर करार दिया. सरमा की एक ‘एक्स‘ पोस्ट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा, “भाषा गौरव सप्ताह एक उल्लेखनीय प्रयास हैजो असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर लोगों के उत्साह को दर्शाता है. मेरी शुभकामनाएं. सप्ताह भर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम लोगों और असमिया संस्कृति के बीच जुड़ाव को और मजबूत करेंगे. मैं असम के बाहर रहने वाले असमिया लोगों से भी इसमें भाग लेने का आग्रह करता हूं.