पटना: बिहार विधानसभा के सभागार में पुस्तक ‘बिहार का गांधी नीतीश कुमार’ का विमोचन हुआ. यह किताब मंत्री अशोक चौधरी और उनकी सांसद बेटी शांभवी चौधरी ने लिखी है. हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में प्रकाशित इस पुस्तक पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, रामायण सीरियल में राम की भूमिका निभाने वाले सांसद अरुण गोविल और पार्श्व गायक उदित नारायण ने अपनी बातें रखीं. राज्यपाल आर्लेकर ने कहा कि नीतीश कुमार जैसा मुख्यमंत्री मिलना बिहार के लिए सौभाग्य की बात है. नीतीश कुमार बिहार के विकास पुरुष तो हैं ही, वे अजातशत्रु भी हैं. उनके व्यक्तित्व के खिलाफ विपक्षी नेता भी कभी नहीं बोलते. उन्होंने कहा कि मैं एक साल से नीतीश कुमार को करीब से देख-जान रहा हूं. बिहार और यहां के लोगों के विकास और कल्याण के लिए वे दिन-रात लगे रहते हैं. पुस्तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीवनी पर आधारित है. इस मौके पर तमाम वक्ताओं ने मुख्यमंत्री के विकास कार्यों की खूब तारीफ की. एक संदेश भी दिया कि अन्य राज्यों को भी इनसे सीखना चाहिए.
विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि वर्ष 2005 में नीतीश कुमार को जो बिहार मिला था, उसके विकास के रास्ते में कई चुनौतियां थीं. एक-एक कर हर चुनौती का सामना करते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने किया. सड़कें व पुल-पुलिया का जाल बिछा. शिक्षा-स्वास्थ्य आदि क्षेत्र में काम हुए. सम्राट चौधरी ने कहा कि कोई दुश्मन भी नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकता है. नीतीश कुमार ने ही लालू प्रसाद को मुख्यमंत्री बनाया और उन्होंने ही उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए लंबा संघर्ष किया. नीतीश कुमार ने कभी धन की चाहत नहीं की, वहीं लालू प्रसाद पैसा ही देखते थे. अशोक चौधरी ने कहा कि महात्मा गांधी और नीतीश कुमार में कई समानाताएं हैं. नीतीश कुमार हमेशा समाज के अंतिम व्यक्ति के बारे में सोचते हैं. इन्होंने महिला सशक्तीकरण के कई कार्य किए. लेखिका और सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि मैंने बिहार को जंगल राज से जनता का राज के बदलाव को देखा है. इसका श्रेय नीतीश कुमार को जाता है. स्वागत भाषण प्रभात प्रकाशन के निदेशक पीयूष और धन्यवाद ज्ञापन मगध विश्वविद्यालय के वीसी एसपी शाही ने किया.