नई दिल्लीः देश इनदिनों अपनी विरासत और सभ्यता को संजोने के एक बड़े अभियान में जुटा है. इसके लिए देश के अंदर राष्ट्रीय महत्त्व के स्थलों के रखरखाव और पु्नर्निर्माण के साथ ही विदेशी धरती से भी कभी तस्करी या लूटकर ले जाई गईं अपनी धरोहरों को लौटाने का प्रयास जारी है. लोग इस इस दिशा में जागरूक हो सकें इस हेतु हेरिटेज टूरिज्म बढ़ाने के लिए देश में एक राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है. स्वदेश दर्शन जैसी कई योजनाओं के जरिए हेरिटेज टूरिज्म को गति दी जा रही है. चाहे वह दांडी मार्च की स्मृति में बना स्मारक हो या फिर जलियांवाला बाग स्मारक का पुनर्निमाण हो, केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हो या फिर पंडित दीन दयाल उपाध्याय के स्मारक का निर्माण, बाबा साहेब मेमोरियल हो या भगवान बिरसा मुंडा मेमोरियल और अयोध्या- बनारस के घाटों का सुंदरीकरण हो या फिर देशभर में ऐतिहासिक मंदिरों और आस्था स्थलों का जीर्णोद्धार, ये सभी प्रयास हेरिटेज टूरिज्म नई संभावनाएं खोल रहा है. अभी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोलकाता की विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में बिप्लोबी भारत गैलरी का उद्घाटन किया तो अपने भाषण में इन बदलावों का विस्तार से उल्लेख भी किया.
प्रतिष्ठित राष्ट्रीय महत्त्व के स्थलों जैसे विक्टोरिया मेमोरियल, प्रतिष्ठित गैलरियां, मेटकाफ हाउस आदि को भव्य और सुंदर बनाने का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है. प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता की ये निशानियां, भारत की वर्तमान और भावी पीढ़ी को निरंतर प्रेरित करें, इस दिशा में ये एक बहुत बड़ा प्रयास है. याद रहे कि बिप्लोबी भारत गैलरी स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के योगदान और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के लिए उनके सशस्त्र प्रतिरोध को प्रदर्शित करती है. इस पहलू को अक्सर स्वतंत्रता आंदोलन की मुख्यधारा की गौरवगाथा में उचित स्थान नहीं दिया गया है. इस नई गैलरी का उद्देश्य 1947 तक की घटनाओं का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करना और क्रांतिकारियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना है. बिप्लोबी भारत गैलरी उस राजनीतिक और बौद्धिक पृष्ठभूमि को दर्शाती है, जिसने क्रांतिकारी आंदोलन को गति दी. यह क्रांतिकारी आंदोलन की शुरुआत, क्रांतिकारियों द्वारा महत्त्वपूर्ण संघों के गठन, आंदोलन के प्रसार, इंडियन नेशनल आर्मी का गठन, नौसेना विद्रोह के योगदान आदि को प्रदर्शित करती है.
प्रतिष्ठित राष्ट्रीय महत्त्व के स्थलों जैसे विक्टोरिया मेमोरियल, प्रतिष्ठित गैलरियां, मेटकाफ हाउस आदि को भव्य और सुंदर बनाने का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है. प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता की ये निशानियां, भारत की वर्तमान और भावी पीढ़ी को निरंतर प्रेरित करें, इस दिशा में ये एक बहुत बड़ा प्रयास है. याद रहे कि बिप्लोबी भारत गैलरी स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के योगदान और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के लिए उनके सशस्त्र प्रतिरोध को प्रदर्शित करती है. इस पहलू को अक्सर स्वतंत्रता आंदोलन की मुख्यधारा की गौरवगाथा में उचित स्थान नहीं दिया गया है. इस नई गैलरी का उद्देश्य 1947 तक की घटनाओं का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करना और क्रांतिकारियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना है. बिप्लोबी भारत गैलरी उस राजनीतिक और बौद्धिक पृष्ठभूमि को दर्शाती है, जिसने क्रांतिकारी आंदोलन को गति दी. यह क्रांतिकारी आंदोलन की शुरुआत, क्रांतिकारियों द्वारा महत्त्वपूर्ण संघों के गठन, आंदोलन के प्रसार, इंडियन नेशनल आर्मी का गठन, नौसेना विद्रोह के योगदान आदि को प्रदर्शित करती है.