रोहतक: विश्वविद्यालय समुदाय में पुस्तक पठन-पाठन की संस्कृति विकसित करने, विद्यार्थियों में पुस्तक-प्रेम जागृत करने तथा विद्यार्थियों को सृजनात्मक लेखन के लिए प्रेरित करने की संकल्पबद्धता महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजबीर सिंह ने दोहराई. विश्वविद्यालय के विवेकानंद पुस्तकालय में आयोजित एक विमोचन समारोह में उन्होंने प्रतिष्ठित लोक संस्कृति-कर्मी डा रामफल चहल तथा डा संजीव कुमारी द्वारा लिखित पुस्तक ‘आल्हा-ऊदल-द्वापर के शापित योद्धा‘, ‘एमडीयू एलुमिनस‘ तथा रंगकर्मी डा आनंद शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ‘हरी-भरी धरोहर मेरे हरियाणा की‘ का लोकार्पण किया. सिंह ने लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि पुस्तकें मनुष्य की कल्पना शक्ति को नई उड़ान देती हैं, ज्ञान का विस्तार करती हैं तथा जीवन में रचनाशीलता संचार करती हैं.
कुलपति सिंह ने भविष्य में भी विश्वविद्यालय में पुस्तक परिचर्चा तथा लेखन-संवाद कार्यक्रम आयोजित कराने की बात कही. इस आयोजन के लिए यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन डा सतीश मलिक तथा उनकी टीम को बधाई दी. मलिक ने बताया कि कुलपति की प्रेरणा से पुस्तक विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. प्रतिष्ठित लोक-संस्कृति विद्वान प्रो सुधीर शर्मा ने कहा कि भारत की लोक संस्कृति में मौखिक साहित्य कथन की परंपरा है. आल्हा-ऊदल उसी श्रुति परंपरा का अभिन्न अंग रहे हैं. लेखक डा रामफल चहल ने अपनी पुस्तक आल्हा-ऊदल बारे जानकारी दी. विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रो सेवा सिंह दहिया, हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो कृष्णा जून, संस्कृत विभागाध्यक्ष डा श्रीभगवान, सेवानिवृत्त निदेशक युवा कल्याण डा जगबीर राठी, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी आदि उपस्थित रहे.