नई दिल्लीः चार जुलाई को स्वामी विवेकानंद जी अपनी पुण्यतिथि पर पूरे दिन सोशल मीडिया पर याद किए जाते रहे. चूंकि कोरोना के चलते कोई बड़ा आयोजन नहीं किया जा सकता था, इसलिए सरकार और बड़े मंत्रियों ने भी ट्विटर का सहारा लिया. गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विट किया, 'स्वामी विवेकानंद जी को युवाओं की क्षमता और परिवर्तनकारी शक्ति पर बहुत विश्वास था. उनका मानना था कि युवा वर्ग ही आने वाले समय में राष्ट्र के विकास को सही दिशा और शक्ति देगा. उनके आदर्श आज भी युवाओं को राष्ट्रसेवा के प्रति प्रेरित करते हैं. उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन.' भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने लिखा, 'वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु व युग प्रवर्तक स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन. औपनिवेशिक भारत में हिंदुत्व के पुन: उद्धार और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने के लिए आपके प्रखर विचार आज भी राष्ट्रभक्तों की प्रेरणा के स्रोत हैं.'
इसी तरह आईएफएस ऑफिसर परवीन कासवान ने शिकागो के उस स्थान की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, '11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में चर्चित भाषण दिया था. आपको पता है वो जगह आज कैसी लगती है. ये शिकागो आर्ट इंस्टीट्यूट की सीढ़िया हैं. जहां स्वामी जी के 473 शब्द आज भी लिखे हुए हैं. उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि.' आप देख सकते हैं कि इस तस्वीर में वो भाषण जो स्वामी जी ने दिया था वो सीढ़ियों पर लिखा है. ताकि इस राह पर बढ़ने वाला हर शख्स स्वामी जी के विचार जान सके और अपना सफर तय कर सकें. आगे उन्होंने जोड़ा कि वैसे तो स्वामी जी के भाषण को दीवारों पर लिखना चाहिए था. पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने 'विश्व को शांति एवं सदभावना का संदेश देने वाले युग पुरुष स्वामी विवेकानन्द जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि.' स्वामी अवधेशानंद ने भी स्वामी जी को याद करते हुए लिखा कि प्रस्थानत्रयी एवं वेदान्त के डिम-डिम घोष द्वारा हिन्दू वैदिक सनातन संस्कृति के अमर स्वर लेकर पश्चिमात्य जगत के तिमिराच्छादित अन्तःकरण में आत्म जागरण की तत्परता पैदा करने वाले संन्यासी स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि.