हल्द्वानी: पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच द्वारा हीरानगर में हरेला पर्व के अवसर पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यक्रम का समापन कवि सम्मेलन के साथहुआ. इस मौके पर कवियों ने एक से बढ़कर एक कविता सुनाकर कर खूब वाहवाही बटोरी. समापन दिवस पर हरेला पर्व कार्यक्रम के दौरान विविध दिवसों पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किया गया. इस दौरान कवि मोहन चंद्र जोशी ‘मोहनदा‘ ने ‘इज तरी नरै लागी रै या मैदानी माजी, आहो ऐरौ हरयाव कूछा त्यार व्यार…‘ और कवि गोविंद बल्लभ बहुगुणा ने ‘आफत लेरो चौमास अलबेरक साल, कती फाटनाई बादल कती टुटनई पहाड़…‘ कविता सुनाकर पहाड़ का दर्द श्रोताओं के सामने रखा.
कार्यक्रम में 14 कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया. कवि सम्मेलन का संचालन डा प्रदीप उपाध्याय ने किया. आखिर में हरेला पर्व पर हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में संरक्षक हुकुम सिंह कुंवर, अध्यक्ष खड़क सिंह बगड़वाल, उपाध्यक्ष गोपाल सिंह बिष्ट, महासचिव यूसी जोशी, कोषाध्यक्ष त्रिलोक बनौली, शोभा बिष्ट, पुष्पा संभल, देवेंद्र तोलिया, कमल किशोर, संदीप, संदीप भैसोड़ा, मंजू दानू, चंद्रशेखर परगाई, धर्म सिंह बिष्ट, हेम भट्ट, ऋतिक आर्य, ललित सिंह बिष्ट, नीरज बगड़वाल, ललित कांडपाल, यशपाल टम्टा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे.