नारनौल: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ में पर्यावरण अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष डा मोना शर्मा की अगुआई में लिखी गई संयुक्त पुस्तक ‘एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेन्ट-ए जर्नी टू सस्टैनबल डेवलपमेंट‘ का विमोचन विश्वविद्यालय कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने किया. कुमार ने कहा कि पुस्तक की प्रस्तावना में उल्लेख है कि यह पुस्तक यह जानने के लिए एक मार्गदर्शिका है कि पर्यावरणीय प्रभाव आकलन कैसे काम करता है और सतत विकास प्राप्त करने के लिए वे कितने महत्त्वपूर्ण हैं. कुलपति ने इस महत्त्वपूर्ण विषय पर पुस्तक प्रकाशन के लिए बधाई दी. लेखिका शर्मा ने बताया कि पुस्तक में ‘पर्यावरणीय प्रभाव आकलन‘ के तरीकों और रूपरेखाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है. इस पुस्तक में उन समस्याओं को भी वर्णित किया गया है, जिनका सामना इस दौरान करना पड़ता है. साथ ही उनके समाधान के सर्वोत्तम तरीकों तथा वैश्विक सतत लक्ष्यों के संदर्भ में उनके भविष्य के बारे में भी बताया गया है.
शर्मा ने बताया कि पुस्तक के अन्य लेखक डा रचना भटेरिया, डा रिम्मी सिंह और सुमित कुमार हैं. विश्वविद्यालय के स्कूल आफ इंटरडिसिप्लिनरी एंड एप्लाइड साइंसेज के डीन प्रो दिनेश गुप्ता ने कहा कि यह पुस्तक पर्यावरण के क्षेत्र में पेशेवरों, शिक्षाविदों और नीति-निर्माताओं के लिए संदर्भ के रूप में उपयोगी होगी. यह प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन का उपयोग जानने में भी मददगार होगी. उन्होंने यह भी कहा कि यह पुस्तक ऐसे समय में सतत विकास के बारे में बातचीत को आगे बढ़ाती है, जब पर्यावरण के मुद्दे अधिक महत्त्वपूर्ण होते जा रहे हैं. इस मौके पर डा अनीता सिंह, डा विक्रम सिंह, डा अनूप यादव और डा भूपेंद्र पी सिंह आदि भी उपस्थित थे. पुस्तक का प्रकाशन स्प्रिंगर ने किया है.