नई दिल्ली: “नई शिक्षा नीति में छात्र-छात्राओं के लिए अनेक आयाम तैयार किए गए हैं. इसके जरिए विज्ञान के छात्र संगीत में रुचि होने पर संगीत की शिक्षा ले सकते हैं और अगर संगीत के किसी छात्र की रुचि विज्ञान में है तो वह विज्ञान की पढ़ाई कर सकता है.” केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह बात गुजरात के गांधीनगर में नमो लक्ष्मी और नमो सरस्वती विज्ञान साधना परियोजना के अंतर्गत शिक्षावृत्ति वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही. उन्होंने कहा कि चूंकि विज्ञान विषय रोजगार से ज्यादा जुड़ा हुआ है, इसलिए छात्र-छात्राओं के लिए नरेन्द्र मोदी विज्ञान साधना योजना लाई गई और विज्ञान विषय के छात्रों को प्रोत्साहन देने की शुरुआत की गई. गृह मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति इस तरह से बनाई गई है कि गुजरात सहित पूरे देश के युवा विश्व के युवाओं के साथ एक मंच पर खड़े होकर प्रतिस्पर्धा कर सकें.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मल्टी डायमेंशनल‘ और ‘आल राउंड हालिस्टिक अप्रोच‘ वाली शिक्षा नीति बनाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि नमो लक्ष्मी और नमो सरस्वती विज्ञान साधना परियोजना के अंतर्गत लगभग 10 लाख 85 हजार छात्र-छात्राओं को 116 करोड़ रुपए की शिक्षावृत्ति सीधी उनके बैंक खाते में जमा की गई है. इनमें ज्यादातर छात्राएं हैं. उन्होंने कहा कि ये दोनों योजनाएं आगामी दिनों में गुजरात के शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करेंगी. शाह ने कहा कि नमो लक्ष्मी योजना और नमो सरस्वती योजना ऐसी प्रोत्साहक योजनाएं हैं जिनसे सिर्फ पांचवीं कक्षा तक ही नहीं बल्कि बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा पूर्ण हो रही है. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित देश बनाने का लक्ष्य तय किया है. इस लक्ष्य की पूर्ति तब तक नहीं हो सकती जब तक देश का युवा भारत को विश्व का सर्वाधिक समृद्ध और सुशिक्षित देश बनाने को अपने जीवन का ध्येय न बना ले.