दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति
दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति हिंदी में मौलिक शोध को बढ़ावा देने का एक उपक्रम है. दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के तहत सामाजिक, आर्थिक, कूटनीति, इतिहास और राजनीतिक आदि विषयों पर स्तरीय शोध को बढ़ावा देने की परिकल्पना की गई है. दरअसल लंबे समय से हिंदी में यह बहस जारी है कि अपनी भाषा में शोध को कैसे बढ़ावा दिया जाए. इस बहस को अंजाम तक पहुंचाने के लिए और हिंदी में विभिन्न विषयों पर मौलिक लेखन के लिए दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति देशभर के शोधार्थियों को आमंत्रित करता है. इसके अंतर्गत हिंदी में मौलिक लेखन करनेवालों को आमंत्रित किया जाता है। शोधार्थियों से अपेक्षा है कि कि वो संबंधित विषय पर हजार शब्दों में एक सिनॉप्सिस भेजें। इस पर दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति का सम्मानित निर्णायक मंडल मंथन कर विषय और शोधार्थी का चयन करेंगे। चयनित विषय पर शोधार्थी को कम से कम छ: महीने और अधिकतम नौ महीने के लिए दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति दी जाती है. पिछले साल तीन शोधार्थियों को ज्ञानवृत्ति के तहत चुना गया था।
दैनिक जागरण ज्ञानवृति 2019 – 20
जागरण ज्ञानवृत्ति के शोधार्थियों के चयन की घोषणा
क्रासर- चयनित शोधार्थियों को छह से नौ महीने तक मिलेंगे 75 हजार रुपए प्रतिमाह
जेएनएन, दिल्ली, अपनी भाषा हिंदी में मौलिक शोध को बढ़ावा देने के उपक्रम दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के शोधार्थियों के चयन की प्रक्रिया पूरी हो गई है और उनके नाम की घोषणा कर दी गई है। इस वर्ष दो महिलाओं को ज्ञानवृत्ति के लिए चुना गया है। चयन समिति के अध्यक्ष प्रो एस एन चौधरी के मुताबिक इस बार जेनेटिक्स और प्लांट ब्रीडिंग में डॉक्टरेट कर चुकी प्रीति उपाध्याय को ‘पोषण संवेदी कृषि और महिलाओं की भूमिका’ के लिए चुना गया है।
ज्ञानवृत्ति के लिए दूसरी चयनित प्रत्याशी हैं शोभा कौर जो दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर हैं। इनका विषय है ‘इक्कीसवीं सदी में भारत में स्वरोजगार का इकोसिस्टम’। इन दोनों शोधार्थियों को दैनिक जागरण की ओर से छह से लेकर नौ महीने तक पचहत्तर हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा ताकि ये सुचारू रूप से शोध का कार्य कर सकें। अपने चयन पर खुशी जाहिऱ करते हुए प्रति उपाध्याय ने दैनिक जागरण और चयन समिति के सम्मानित जूरी के प्रति आभार प्रकट किया, वहीं शोभा कौर ने कहा है कि ‘जागरण ज्ञानवृति के लिए चयनित होना मेरे लिए गर्व की बात है। इस प्रोजेक्ट पर काम करना मेरा सपना था।मैं सम्पूर्ण निष्ठा और पूर्ण मेहनत से इस दायित्व का निर्वाह करूंगी।
दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के तहत सामाजिक, आर्थिक, कूटनीति, इतिहास और राजनीतिक आदि विषयों पर स्तरीय शोध को बढ़ावा देने की परिकल्पना की गई है. पिछले साल इसके तीन शोधार्थियों को चयन किया गया था जिन्होंने सफलता पूर्वक अपना शोध पूरा कर लिया है। निर्मल पांडे, नाइश हसन और दीप्ति सामंत रे ने पिछले साल ज्ञानवृत्ति के तहत अपना शोध पूरा किया जो अब प्रकाशन की प्रक्रिया में है। दैनिक जागरण ना केवल शोध को बढ़ावा देने के लिए शोधार्थियों को पचहत्तर हजार रुपए प्रतिमाह की राशि देता है बल्कि शोधग्रंथ को प्रकाशित करवाने में भी मदद करता है। इस वर्ष बरकुतल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल के प्रोफेसर एस एन चौधरी और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दरवेश गोपाल के निर्देशन में ये शोध कार्य किया जाएगा।
ज्ञानवृत्ति का निर्णायक मंडल
पहली दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के अंतर्गत चयनित शोधार्थी
दीप्ति सामंत रे
इलाहाबाद
प्रधानमंत्री जनधन योजना के भारत में वित्तीय समावेशन
पर प्रभावों का समालोचनात्मक विश्लेषण
नाइश हसन
लखनऊ
भारत के मुस्लिम समुदाय में मुता विवाह, एक सामाजिक अध्ययन
निर्मल कुमार पांडे
बलिया
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