मुंबई: “भारत की भाषाएं इसकी विरासत है. दुनिया में किसी अन्य देश में इतनी बोलियां और भाषाएं नहीं हैं. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति में प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा में अनिवार्य किया गया है.” यह बात केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुंबई समाचार की डाक्यूमेंट्री ‘200 नाट आउट‘ का विमोचन करते हुए कही. गृह मंत्री ने लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि हमें घर में अपनी भाषा में बोलना चाहिए, इससे बच्चे भाषा को आगे ले जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी भाषा से अपने आप को काट लेंगे तो हम अपनी संस्कृति से भी कट जाएंगे. उन्होंने कहा कि जब तक हम बच्चों को अपनी भाषा न सिखाएं, इसे आगे न बढ़ाएं और इसे अगली पीढ़ी को सौंप कर न जाएं तब तक हमारा दायित्व समाप्त नहीं होता. गृह मंत्री ने कहा कि हमारी भाषा को संभालने, संजोने, ज्यादा सार्थक व लचीला बनाने और इसकी सखी भाषाओं से हमारे शब्दकोश को समृद्ध बनाने से हमारे शब्दकोश समृद्ध बनेंगे. उन्होंने कहा कि इस विषय पर गृह मंत्रालय ने बहुत सटीकता से काम कर हिंदी शब्दकोश का विस्तार किया है.
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि 22,831 शब्दों को देशभर की स्थानीय भाषाओं से लाकर हमने हिंदी को संपूर्ण भाषा बनाने की दिशा में काम किया है. उन्होंने कहा कि सभी को अपनी मातृभाषा के लिए योगदान करना चाहिए. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और हम विश्व में 11वीं से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं. आज पूरी दुनिया भारत को डार्क जोन में एक ब्राइट स्पाट मानती है. उन्होंने कहा कि आज जी-20 देशों में सबसे ज्यादा विकास दर भारत की है और जल्द ही हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज़ादी के 75 से 100 साल के बीच के काल को अमृतकाल कहा है और ये यात्रा भारत को विश्व में हर क्षेत्र में सर्वोच्च शिखर तक ले जाने वाली यात्रा है. शाह ने कहा कि देश के 140 करोड़ नागरिकों ने प्रधानमंत्री मोदी के इस संकल्प को अपनाया है कि 15 अगस्त 2047 को भारत विश्व में हर क्षेत्र में नंबर वन होगा. उन्होंने कहा कि माइनारिटी में भी अगर कोई माइनारिटी है, तो पारसी है. माइनारिटी राइट्स के लिए झगड़ा करने वालों को पारसी समुदाय से सीखना चाहिए, जो अपने कर्तव्यों के लिए ही जीवन जीते हैं और जिन्होंने कभी कोई मांग किये बिना हर क्षेत्र में योगदान दिया है.