पटना, पटना लिटरेचर फेस्टिवल में एक बेहद दिलचस्प सत्र हुआ जिसका विषय था– महात्मा की महिमा। इस सत्र में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश से बातचीत की हिंदी के सुप्रसिद्ध आलोचक रामबचन राय ने। रामबचन राय ने विषय प्रवेश करते हुए कहा ” गांधी ने चंपारण की लड़ाई लड़ी फिर देवघर में दलितों को मंदिर प्रवेश कराने के दौरान पंडो द्वारा पीटे गए फिर वे आज़ादी के बाद दंगों के समय आग बुझाने आये।” हरिवंश ने कहा कि गांधी के बताए रास्ते पर चलकर ही हमारी और हमारे बच्चों की जिंदगी बेहतर हो सकती है। स्टीफन हॉकिंग की अंतिम किताब है जिसमें वो दुनिया की चुनौतियों पर विचार प्रकट करते हैं। मानव जाति व इंसान के बतौर क्या चुनैतियाँ है ? इस पर विचार किया गया है। आपको सौ सालों के अंदर एक दूसरी धरती ढूंढनी होगी। इस समस्याओं से ग़ांधी ही बचा सकता है। गांधी अकेले व्यक्ति हैं जिन्होंने साधन व साध्य दोनों की पवित्रता की बात कही। थोरो, रस्किन व टॉलस्टॉय ने आदर्श की बात की लेकिन गांधी ने उसे व्यवहार में उतारा।”
रामबचन राय के इस प्रश्न की नई पीढ़ी का जुड़ाव गांधी से क्यों नहीं ही रहा है?
हरिवंश ने उत्जतर में कहा कि ” अगुआई करने वाले लोग जिस तरह का व्यवहार करते हैं उसका प्रभाव नीचे की ओर पड़ता है। दुनिया में जिसकी सत्ता का अस्त तक न होता था उसने गांधी को जेलों में डाल दिया था। जयप्रकाश जी के संपूर्ण क्रांति से निकले लोगों की अंतिम पीढ़ी है अभी। आज ‘ डेथ ऑफ डिस्टेंस ‘ का युग है। यदि आपके पास पैसा है तो आप आसानी से पहुंच सकते हैं। मार्क्स पहला आदमी है जो कहता था कि गरीबी का अंत किया जा सकता है। अब दुनिया को विचार नहीं सिलिकैन वैली बदल रही है। दो महिलाओं ने दो कंपनियों के डूब जाने की वजह बताते हुए कहा कि भले ही उऩकी कंपनी में दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली लोग काम करते थे फिर भी वो डूब गई क्योंकि उनके पास मूल्य नहीं थे। इसलिए भी हमें गांधी के पास लौटना होगा। ”
हरिवंश ने आगे कहा ” जयदेव शेट्टी ने 1972 में ये चेतावनी दी कि भारत आर्थिक वजहों से इमरजेंसी जैसी राजनीतिक संकट में फंसने जा रहा है। आज उपभोक्तावाद दुनिया के लिए खतरा बन चुका है। मॉल से लेकर मार्केट जा दबदबा बना हुआ है। विज्ञापन क्या है वो माल के किये ख्वाहिश पैदा करने की ललक है। गांधी इस कारण मजबूरी हैं।“