नई दिल्ली: विदेश मंत्री डा एस जयशंकर ने कर्तव्य पथ पर अमृत परंपरा शृंखला के अंतर्गत पहले कार्यक्रम ‘कावेरी का गंगा से संगम‘ का उद्घाटन किया. ‘कावेरी का गंगा से संगम‘ दक्षिण भारत की नृत्य और संगीत परंपराओं को उत्तर भारत में ला रहा है और एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना से उत्तर भारत की कलात्मक परंपराओं को भी प्रदर्शित कर रहा है. कला और संस्कृति के माध्यम से भारत को एकजुट करने के लिए एक भव्य उत्सव अमृत परम्परा नामक एक विशेष उत्सव शृंखला संस्कृति मंत्रालय द्वारा पहल की गई है. अमृत परंपरा का उद्देश्य भारत की पारंपरिक कलाओं और कला रूपों का उत्सव मनाना हैजिसमें प्रदर्शन कलादृश्य कला और साहित्य में लुप्त हो रही कला रूपों और परंपराओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इसके लिए आधुनिक पैकेजिंग और प्रौद्योगिकी आधारित इंटरैक्टिव और इमर्सिव अनुभवों के साथ पारंपरिक कला रूपों पर आधारित अभिनव कार्यक्रम तैयार किए जाते हैं. अमृत परम्परा अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम निकट भविष्य में दिल्ली के विभिन्न स्मारकों और स्थानों पर प्रस्तुत करने की एक योजना है.

संस्कृति मंत्रालय की स्वायत्त संस्थाएं संगीत नाटक अकादमीकलाक्षेत्र और सीसीआरटी संयुक्त रूप से ‘कावेरी का गंगा से संगम‘ कार्यक्रम का आयोजन कर रही हैं. कर्तव्य पथ और सीसीआरटी द्वारका सहित प्रतिष्ठित स्थानों पर शुरू होने वाले इस महोत्सव में भारत के लोक और पारंपरिक कला रूपों की प्रदर्शनों का एक आकर्षक शृंखला प्रदर्शित की जाएगी. ‘कावेरी का गंगा से संगम‘ कार्यक्रम तमिल कैलेंडर के मार्गाजी महीने के दौरान चेन्नईतमिलनाडु में होने वाले प्रसिद्ध मार्गाजी उत्सव के सम्मान के रूप में है. ‘कावेरी का गंगा से संगम‘ कार्यक्रम में दर्शकों को ब्रज भूमि के नगर संकीर्तन और गोवर्धन पूजा से लेकर आंध्र प्रदेश के कुचिपुड़ीप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा भरतनाट्यम और केरल के पंचवाद्यम और थेय्यम जैसी लोक परंपराओं का अनुभव मिल रहा है. बांसुरी पर राकेश चौरसिया और सरोद पर उस्ताद अमजद अली खान जैसे प्रसिद्ध संगीतकारों द्वारा उल्लेखनीय प्रस्तुतियांरेंजिनी गायत्री द्वारा कर्नाटक गायनरमा वैद्यनाथन और मीनाक्षी श्रीनिवासन द्वारा भरतनाट्यमकलाक्षेत्र चेन्नई द्वारा सिम्फनी प्रस्तुत की जाएगी. यह उत्सव भारत की सांस्कृतिक विविधता का याद दिलाने वाला है. अमृत परम्परा शृंखला को चार प्रमुख स्तंभों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विरासत की निरंतरता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है: भारतीय संस्कृति की नींवसांस्कृतिक शिक्षा और मनोरंजन का मिश्रणविविध विचारों का संश्लेषणऔर बहु-संवेदी अनुभव.