मुजफ्फरपुर: राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी के तत्त्वावधान में नवयुवक समिति के सभागार में गोस्वामी तुलसीदास जयंती समारोह आयोजित हुआ. अध्यक्षता देवेंद्र कुमार व संचालन सुमन मिश्रा ने किया. डा भगवान लाल सहनी, प्रियदर्शी सुजीत, डा हरि किशोर सिंह, अकादमी के निदेशक आचार्य चंद्र किशोर पाराशर व उषा किरण श्रीवास्तव ने विचार रखे. डा भगवान ने कहा कि तुलसी साहित्य केवल हिंदू समाज का धर्म ग्रंथ ही नहीं, अपितु मानव समाज का भी प्रेरक साहित्यिक स्रोत है. साहित्यकार बृजभूषण मिश्रा ने कहा कि महाकाव्य रामचरितमानस की ख्याति पूरे विश्व में है.
आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने कहा कि वर्तमान में राजनेताओं का एक अज्ञानी वर्ग तुलसीदास के रामायण पर आपत्ति जताता है और उसकी गलत व्याख्या करता है. समारोह को बृजभूषण मिश्रा, डा मनोज, उषा किरण श्रीवास्तव, डा हरिकिशोर सिंह, शुभ नारायण शुभंकर, डा आशा भारती ने भी विचार रखे. कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें शबद कुमार, डा बृजभूषण मिश्रा, देवेंद्र कुमार, शुभ नारायण शुभंकर, हेमा, स्नेहा, उषा किरण श्रीवास्तव, सुमन मिश्रा, अंजनी पाठक, अशोक भारती और उमेश राज ने विचार रखे. धन्यवाद ज्ञापन अरुण शर्मा ने किया.