गाजीपुर: साहित्य चेतना समाज के 39वें स्थापना-दिवस पर नगर के वंशी बाजार में एक कवि-सम्मेलन आयोजित हुआ. इस अवसर पर प्रो आनन्द कुमार सिंह को ‘चेतना सम्मान‘ से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डा अमरनाथ राय ने की. मुख्य अतिथि प्रमोद कुमार मिश्र थे. कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां बागेश्वरी देवी सरस्वती के पूजन-अर्चन, दीप-प्रज्वलन से हुआ. कवयित्री गुंजा गुप्ता ‘गुनगुन‘ ने सरस्वती वंदना सुनाई. संस्था के संस्थापक अमरनाथ तिवारी ‘अमर‘ ने आगंतुकों का वाचिक स्वागत किया और संस्था के 39 वर्षों की सुदीर्घ यात्रा पर प्रकाश डाला. ‘चेतना सम्मान‘ से सम्मानित ‘अथर्वा‘ काव्य कृति के रचयिता प्रो आनन्द कुमार सिंह ने संस्था की प्रशंसा की और समाज एवं राष्ट्र को सही दिशा देने में साहित्य की महती भूमिका को रेखांकित किया. मुख्य अतिथि प्रमोद कुमार मिश्र ने कहा कि साहित्य चेतना समाज के इस महनीय कार्य को आने वाला समय रेखांकित करेगा. ऐसी संस्थाएं अपने कार्य द्वारा सामाजिक चेतना में स्तरोन्नयन के साथ ही व्यक्ति में पुष्कल राष्ट्रहित-चेतना जागृत करतीं हैं.
इसके बाद हुए कवि-सम्मेलन में हेमन्त ‘निर्भीक‘ ने ‘तिरंगे में लिपट कर देख तेरा ये लाल आया है/ नालायक कहती थी जिसको, वतन के काम आया है‘ सुनाया, तो डा विभा तिवारी ने सुनाया, ‘ये जब चाहे तुम्हें उलझा ही देगा चक्र में अपने/ समय शातिर खिलाड़ी है अभी खामोश बैठो तुम‘. डा धर्मप्रकाश मिश्र ने ‘कौन कहता है गिद्ध भारत से लुप्त हुए/ पेड़ों के बजाय कुर्सियों पे पाये जाते हैं…सुनाकर वाहवाही बटोरी. डा प्रतिभा सिंह ने ‘प्रणय गांव, धरती, अम्बर का दूर क्षितिज के पार रचूं/ तुम जो दे दो साथ मेरा, मैं मधुरिम इक संसार रचूं‘ सुनाया. इसी क्रम में गुंजा गुप्ता ‘गुनगुन‘ ने ‘सारे वादों का पुल मैं गिरा आयी हूं/ रेत पर घर बनाना नहीं चाहती‘ सुनाकर वातावरण रससिक्त कर दिया. संचालक डा नागेश शाण्डिल्य ने सुनाया ‘रोज ही अपनी कमाई जा रही है/ कौन कहता है कि लक्ष्मी आ रही है‘. इस अवसर पर प्रमुख रूप डा रविनन्दन वर्मा, हीरा राम गुप्ता, सहजानन्द राय, आनन्द प्रकाश अग्रवाल, कामेश्वर द्विवेदी, धर्मदेव यादव, गोपाल गौरव, आकाश विजय त्रिपाठी, आशुतोष श्रीवास्तव, डा शकुन्तला राय, डा विनीता राय, शौर्या सिंह, मधु यादव, किरणबाला राय, रागिनी तिवारी, संगीता तिवारी, सीमा सिंह, डा संतोष सिंह, श्रीकान्त तिवारी, डा डीपी सिंह, वीरेन्द्र चौबे, विनोद उपाध्याय, पीएन सिंह, अमिताभ अनिल दूबे, डा दिनेश सिंह, अक्षय दूबे, आमिर अली, रामप्रसाद गुप्ता, विद्युत प्रकाश, लालजी गुप्ता, चिदाकाश ‘मुखर‘ आदि उपस्थित रहे. संचालन में डा अक्षय पाण्डेय की भी भूमिका रही. प्रभाकर त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापित किया.