नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज और पाक्षिक समाचार पत्र कैंपस कॉर्नर ने 'पुस्तक परिचर्चा' आयोजित की जिसमें हंसराज कॉलेज की प्राचार्या डॉ रमा की पुस्तक 'हिंदी सिनेमा में साहित्यिक विमर्श' पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे. वक्ताओं का कहना था कि डॉ रमा ने इस पुस्तक में समकालीन साहित्यिक विमर्शों को सिनेमा से जोड़ते हुए महत्त्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दू कॉलेज की प्राचार्या डॉ अंजू श्रीवास्तव ने की. मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद डॉ सत्यपाल सिंह थे. उन्होंने कहा कि डॉ रमा की इस पुस्तक से सिनेमा के कई नए संदर्भों का पता चलता है. उन्होंने कहा कि रमा जी ऐसा साहित्य भी लिखें, जिनपर फिल्में बन सकें. किताब को सिनेमा के छात्रों एवं शोधार्थियों के लिए उपयोगी बताते हुए मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली पत्रकार संघ के अध्यक्ष अनुराग पुनेठा ने कहा कि इस पुस्तक में डॉ रमा ने सिनेमा के इतिहास और वर्तमान को एक साथ खड़ा कर दिया है. यह पुस्तक सिनेमा में दलित, स्त्री, आदिवासी, आतंकवाद आदि जैसे साहित्यिक विषयों को बहुत गहराई से अभिव्यक्त करती है.
अगले वक्ता के रूप में डॉ रवि कांत मिश्रा ने 'हिंदी सिनेमा में साहित्यिक विमर्श' पुस्तक को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस पुस्तक की सबके बड़ी विशेषता इसमें सम्मिलित फिल्में हैं. जिन फिल्मों पर बातचीत नहीं होती उनपर भी डॉ रमा ने गहराई से विचार किया है. डॉ. विमलेंदु तीर्थंकर ने अपने वक्तव्य में किताब को सिनेमा पर लिखी गई पुस्तकों की नई कड़ी बताते हुए कहा कि यह पुस्तक सिनेमा को जानने, समझने और पढ़ने-लिखने वालों के लिए महत्त्वपूर्ण तो है ही सिनेमा और साहित्य के अनछुए संबंधों पर भी प्रकाश डालती है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ अंजू श्रीवास्तव ने डॉ रमा को बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक हर उस छात्र के लिए उपयोगी है, जो सिनेमा और साहित्य को लेकर जिज्ञासु है. कार्यक्रम का आयोजन हंसराज कॉलेज, हिंदी विभाग के प्राध्यापक प्रभांसु ओझा ने किया था. मंच संचालन महेंद्र प्रजापति एवं धन्यवाद ज्ञापन मनीष ने किया. इस दौरान भारी संख्या में अध्यापक, छात्र, पत्रकार और सिनेमा, साहित्य को लेकर सुधीजन मौजूद थे.