देहरादून: राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय सर्वे चौक स्थित आईआरड़ी सभागार में ‘जागर लोक संस्कृति उत्सव‘ में प्रतिभाग किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सच्चिदानंद सेमवाल द्वारा लिखित पुस्तक ‘उत्तराखंड का लोक पुत्र प्रीतम भरतवाण‘ का विमोचन किया. धामी ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति का ब्रांड एम्बेसडर बताया. उन्होंने कहा कि पद्म प्रीतम भरतवाण ने देवभूमि की पवित्र लोक परम्पराओं एवं लोक संस्कृति को विश्व में पहुंचाने का कार्य किया है. मुख्यमंत्री ने ऐसे आयोजनों को राज्य की प्राचीन समृद्ध लोक संस्कृति का उत्सव बताते हुए कहा कि जागर को उत्तराखंड की संस्कृति में देवताओं के आह्वान का भी माध्यम माना गया है. मुख्यमंत्री ने युवाओं को इस विधा से जोड़ने के लिये प्रीतम भरतवाण के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि जागर एवं ढोल वादन हमारी सांस्कृतिक पहचान है. यह हमें अपनी विरासत की गहराई से जोड़ती है. अपनी लोक संस्कृति की इस समृद्ध विधा को युवा पीढ़ी के साथ पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने के प्रयासों से हमारे युवा इस परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य की लोककला, लोक संस्कृति की समृद्धि के लिये निरंतर प्रयासरत है. नवोदित व उदीयमान प्रतिभावान साहित्यकारों को भी सम्मान दिये जाने की परंपरा शुरू की गई है. लोक कलाकारों की सूची तैयार कर उन्हें प्रोत्साहित कर सहायता प्रदान की जा रही है. कोरोना काल में 3200 लोक कलाकारों को पैकेज के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान करने का कार्य किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोक कलाकारों को 3 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जा रही है. पौराणिक मेलों को उनके मूल स्वरूप में स्थापित करने के लिये भी मदद दी जा रही है. कलाकारों को बेहतर मंच मिले इसके भी प्रयास किये जा रहे है. जागर गायन शैली एवं प्राचीन परम्परागत लोक कला व लोक संस्कृति को गुरु शिष्य परम्परा के माध्यम से पहचान दिलाने एवं लोक कला व लोक संस्कृति से जुड़ी लिपियों को प्रकाशित करने तथा आर्ट गैलरी के माध्यम से उन्हें संरक्षित करने का भी कार्य किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने पुस्तक के लेखक सच्चिदानंद सेमवाल के प्रयासों की भी सराहना करते हुए कहा कि उनका यह प्रयास प्रीतम भरतवाण के सदप्रयासों को जन-जन तक पहुंचाने में मददगार होगा. मुख्यमंत्री ने सभी से अपनी लोक संस्कृति को सहेजने तथा इसे भावी पीढ़ी तक पहुंचाने में समर्पित भाव से कार्य करने की भी अपेक्षा की. कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रीतम भरतवाण को जागर संस्कृति का प्रतीक तथा लोक संस्कृति का संवाहक बताते हुए विश्व में लोक संस्कृति को पहचान दिलाने वाला बताया, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रीतम भरतवाण ने जागर एवं ढोल संस्कृति को विश्व तक पहुंचाने का कार्य किया. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उनके प्रयासों को युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ने का माध्यम बताया. पूर्व ड़ीजीपी अनिल रतुड़ी तथा साहित्यकार सोमवारी लाल उनियाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये. पुस्तक के लेखक सच्चिदानंद सेमवाल ने पुस्तक की विषय वस्तु की जानकारी दी. पद्म प्रीतम भरतवाण ने मुख्यमंत्री सहित कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य लोगों का आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोक संस्कृति एवं साहित्य से जुड़े गणमान्य लोग उपस्थित थे.