रेवाड़ीः हरियाणा साहित्य अकादमी पंचकूला के सौजन्य से मास्टर नेकीराम साहित्य एवं लोक नाट्य कला संरक्षण परिषद द्वारा शिक्षक दिवस पर राजकीय माध्यमिक विद्यालय हँसाका रेवाड़ी में एक 'विराट कवि सम्मेलन' का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अतिरिक्त आयुक्त प्रदीप दहिया ने शिरकत की और सभी अतिथि कवियों का सम्मान प्रतीक चिन्ह देकर किया. इस अवसर पर कवि हलचल हरियाणवी ने जब अपना यह गीत-
हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब बेमानी है,
सीना तान के कह दो हम हिन्दुस्तानी हैं.
बांध कमर पे बालक अपना लड़ी थी लक्ष्मीबाई
बाबू बोस बंगाली ने गोरों से लड़ी लड़ाई
लाल, बाल और पाल की अपनी अमर कहानी है
सीना तान के कह दो हम हिन्दुस्तानी हैं…सुनाया तो हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
राष्ट्रीय गीतकार डॉ जयसिंह आर्य ने वीर रस और देशभक्ति के इस पाठ के बाद अपने नवगीत से वातावरण को रसमयी बना दिया. उनकी कविता गांव की महत्ता को उजागर करने वाली थी.
गाँव की कहानी है कहानी मेरे देश की
गाँव की जवानी है जवानी मेरे देश
गाँव में सुरक्षित संस्कृति की आन बान है
गाँव की स्वर लहरी राष्टीयता की जान है
गाँव की माटी ने दिये कैसे-कैसे वीर हैं
उन सब वीरों का करना मान सम्मान है
माटी पैदा करती है बलिदानी मेरे देश की
गाँव की कहानी है कहानी मेरे देश की
गाँव की जवानी है जवानी मेरे देश की…
इस काव्य-सम्मेलन का संचालन युवा कवि आलोक भंडौडिया ने किया. कवि सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य प्रमुख कवियों में विनय विनम्र, लाज कौशल, त्रिलोक चन्द्र, मोहन शास्त्री, सुश्री कमलेश, सगुन शर्मा, मनोज कुमार आदि शामिल थे. संचालक-संयोजक ने सभी अतिथियों व बाहर से आये सभी कवियों का आभार व्यक्त किया.