नई दिल्ली: कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डा जितेंद्र सिंह ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा राजभाषा हिंदी के लिए किए गए प्रयासों को सराहा है. डा सिंह ने विभाग द्वारा संचालित प्रगामी प्रयोग तथा प्रचलन को कंठस्थ, अनुवादिनी और भाषिणी के माध्यम से बढ़ावा देने पर खुशी जाहिर की है और कहा है कि कार्यशालाओं के माध्यम राजभाषा को उपयोगी बनाने का यह प्रयास निरंतर जारी रहना चाहिए. डा सिंह ने विभाग को राजभाषा हिंदी में श्रेष्ठ कार्य निष्पादन के लिए राजभाषा कीर्ति पुरस्कार 2024 प्रथम प्राप्त करने पर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी शुभकामनाएं दीं. विभाग ने कंठस्थ साफ्टवेयर को अपने कार्यालय में ई-ऑफिस के साथ इंटीग्रेट किया है. इससे अधिकारी और कर्मचारी अंग्रेजी में नोटिंग करके मशीनी रूप में इसे अनुदित कर सकते हैं.
याद रहे कि प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने अपने यहां से जारी की जाने वाली विनिर्दिष्ट रिपोर्टों जैसे नेस्डा-वे फारवर्ड, सीपीग्राम्स से संबंधित मंत्रालयों, विभागों की रिपोर्ट तथा सीपीग्राम्स से संबंधित राज्यों, संघ राज्य क्षेत्रों की रिपोर्ट और सीपीग्राम्स की वार्षिक रिपोर्ट, शिकायत निवारण सूचकांक की रिपोर्ट, सचिवालय सुधार रिपोर्ट और विभाग की मासिक सारांश रिपोर्ट का अनुवादिनी के माध्यम से लगभग तीन हजार पृष्ठों का अनुवाद प्रतिवर्ष किया जा रहा है. सीपीग्राम्स, विभाग के अंतर्गत देश का सबसे बड़ा शिकायत निवारण पोर्टल है जिस पर 22 भाषाओं में शिकायत दर्ज की जा सकती है. कोई भी नागरिक, सीपीग्राम्स पर भाषिणी की सहायता से उसी की क्षेत्रीय भाषा में उत्तर प्राप्त कर सकता है. प्रतिवर्ष 25 लाख शिकायतकर्ता इसका प्रयोग कर रहे हैं.