मुंबई: “समाज को सही मार्ग दिखाने में साहित्य की प्रमुख भूमिका होती है. इसलिए पढ़ने और लिखने में युवा पीढ़ी की रुचि जगाने की आज महती आवश्यकता है.” महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डा शीतला प्रसाद दुबे ने नासिक में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि इससे युवाओं के भीतर आत्मबल बढ़ता है. रूंगटा हाईस्कूल के सभागार में यह सम्मेलन महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, अखिल भारतीय साहित्य परिषद और साहित्य सरिता हिंदी मंच द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कराया गया था. डा दुबे ने कहा कि युवा साहित्यकारों का मनोबल बढ़ाने और राष्ट्रीय साहित्य की रचना हेतु प्रेरित करने की दिशा में अकादमी हमेशा अग्रणी रही है. उन्होंने कहा कि युवा साहित्यकार वर्तमान से सीधे प्रभावित होते हैं, इसलिए उनकी सृजनशीलता को गति और दिशा दोनों प्रदान करने की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि मेधावी युवा रचनाकारों की कृतियों के प्रकाशन में आर्थिक सहायता देकर, प्रकाशित पुस्तकों को पुरस्कृत करके और अच्छे साहित्यकारों का सम्मान करके अकादमी उच्च कोटि के साहित्य को समृद्ध करने का कार्य निरंतर कर रही है.
कवि सम्मेलन में अकादमी के कार्यकारी सदस्य डा दिनेश प्रताप सिंह और डा प्रमोद शुक्ल भी उपस्थित थे. अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री ऋषि कुमार मिश्र ने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि कविता केवल मनोरंजन के लिए नहीं होती, अपितु यह समाज की अनेक मान्यताओं का भंजन भी करती है. उन्होंने कहा कि कवि लोकदृष्टा होते हैं और लोकजीवन को सही दिशा दिखाते हैं. उन्होंने अपने नवगीत भी प्रस्तुत किए. सम्मेलन में राजकुमार रंजन, रजिया बेगम, सत्यदेव विजय, डा प्रमोद शुक्ल, ज्योति गजभिये, भरत सिंह, सुनीता माहेश्वरी, रोचना भारती, रविन्द्र शिवदे, सीबी सिंह, सुधा झालानी और सुबोध मिश्र ने अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं. इस अवसर पर चंद्रिका प्रसाद मिश्र, विद्या चिटको, रोचना भारती, सुधा झालानी और सुनीता माहेश्वरी को साहित्य सेवा हेतु अकादमी द्वारा सम्मानित भी किया गया. पूर्णिमा ढिल्लन के कविता संग्रह का विमोचन और अतिथियों का अभिनंदन संयोजक डा सीपी मिश्र ने तुलसी की माला, अंगवस्त्रम, श्रीफल और तुलसीदास की विनय पत्रिका के साथ किया. सम्मेलन में नासिक, नासिकरोड, देवलाली, निफाड़, मनमाड और आसपास के दो सौ से अधिक साहित्य प्रेमी और काव्य रसिक उपस्थित थे. कवि सम्मेलन का मंच संचालन संजय द्विवेदी ने किया. कार्यक्रम का शुभारम्भ महाराष्ट्र राज्य गीत, दीप प्रज्वलन और अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संकल्पना गीत के साथ हुआ, जबकि समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ.