पटना: कला-संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार के तत्वावधान में साहित्यिक संस्था सामयिक परिवेश द्वारा आयोजित तीन दिवसीय साहित्य, संगीत एवं नाट्य समागम का उद्घाटन कला-संस्कृति एवं युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर ने किया. उद्घाटन के अवसर पर सुमन कुमार निदेशक, कला जागरण, दीपक कुमार शाखा प्रबंधक एचडीएफसी बैंक पटेल नगर, सामयिक परिवेश की संस्थापिका ममता मेहरोत्रा, सचिव अशोक कुमार सिन्हा, मुकेश महान, विभा सिंह और सविता राज उपस्थित थे. उद्घाटन भाषण में हरजोत कौर ने कहा कि कला संस्कृति विभाग का काम ही कला और संस्कृति को प्रोत्सााहित और संरक्षित करना है. उन्होंने ऐसे समृद्ध कार्यक्रम के लिए आयोजकों का धन्यवाद भी दिया. मौके पर सामयिक परिवेश की संस्थापिका ममता मेहरोत्रा ने कहा कि हम लगातार काम कर रहे हैं. इस आयोजन के बहाने सभी विधा के कलाकारों और साहित्यकारों को पटना के मंच पर एकत्रित करने का काम लगातार 9 वर्षों से करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. पहले दिन 27 जुलाई को प्रेमचंद रंगशाला सामयिक परिवेश के मंच पर देश के नामचीन कवियों ने अपनी कविताओं को प्रस्तुति दी. इसके पहले लिटेरा पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा संगीत एवं नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति हुई. पहले दिन कार्यक्रम का समापन ममता मेहरोत्रा की कहानी पर आधारित नाटक बुनकर की बेटी के मंचन के साथ हुआ. कला जागरण संस्था ने इसे प्रस्तुत किया था. नाटक को निर्देशित सुमन कुमार ने किया था.
संगीत एवं नाट्य समागम के दूसरे दिन 54 साहित्यकारों ने लघुकथाओं का पाठ किया. इस लघुकथा पाठ के बहाने प्रेमचंद रंगशाला में संपूर्ण बिहार से आए साहित्यकारों का जमघट लगा रहा. कार्यक्रम का संयोजन और संचालन डा ध्रुव कुमार कर रहे थे. इसके पहले लिटेरा पब्लिक स्कूल के बच्चों ने अपने मनभावन प्रस्तुती से दर्शकों का मन मोह लिया. नन्हें-मुन्ने बच्चों का सधा हुआ रियाज मंच पर परिलक्षित होता रहा, तो कभी-कभी उनका मासूम अभिनय दिल तक उतर जाता. संध्या सत्र में सात्विक वीणा के रचयिता सलिल भट्ट ने अपनी रोचक और शास्त्रीय का प्रस्तुति दी. पूरी प्रस्तुति में दर्शक आह और वाह के कशमकश के बीच झुमने को विवश हो रहे थे. साहित्य संगीत एवं नाट्य समागम के दूसरे दिन का समापन प्रसिद्ध लोक गायिका रेखा झा के लोक गायन से हुआ. मौके पर आयोजक संस्था सामयिक परिवेश की संस्थापिका ममता मेहरोत्रा ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी साहित्यकारों और कलाकारों का धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि बाल कलाकारों को लगातार प्रोत्साहन की जरूरत है. सामयिक परिवेश उन्हें लगातार मंच देने की कोशिश करेगा.