नई दिल्ली: “डा हरेकृष्ण महताब एक दूरदर्शी नेता थे. वे जानते थे कि केवल कायिक विकास ही पर्याप्त नहीं बल्कि सांस्कृतिक जागरूकता भी आवश्यक है.” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राजधानी में उत्कल केशरी डा हरेकृष्ण महताब की 125वीं जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए यह बात कही. समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि डा महताब एक प्रख्यात लेखक थे और उन्होंने लेखन के साथ ही ओड़िशा में एक स्वस्थ, सांस्कृतिक वातावरण निर्मित किया. उन्होंने ओड़िशा की कला, साहित्य और संगीत को बढ़ावा देने में विपुल योगदान दिया. राष्ट्रपति ने कहा कि ओड़िशा के मुख्यमंत्री रहते डा हरेकृष्ण महताब के कार्यकाल में कई महत्त्वपूर्ण विकास कार्य हुए. उन्होंने महानदी पर बहुउद्देश्यीय बांध परियोजना के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई. हीराकुंड और अन्य परियोजनाओं से ओडिशा बिजली उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन गया.
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि ओडिशा विधानसभा, राज्य सचिवालय, राज्य संग्रहालय, विभिन्न अकादमियों और नंदनकानन चिड़ियाघर की स्थापना में भी उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा. राष्ट्रपति ने कहा कि डा महताब ने राज्य में खेलों के विकास को भी काफी महत्त्व दिया. उनके मार्गदर्शन में ही कटक में बाराबती स्टेडियम का निर्माण हुआ. तत्कालीन बाम्बे प्रांत के राज्यपाल के अपने कार्यकाल में उन्होंने कई लोक कल्याणकारी कार्य किए, जिसके कारण उस समय के वृह्द अविभाजित बाम्बे प्रांत के लोगों से उन्हें काफी सम्मान मिला. राष्ट्रपति ने कहा कि डा हरेकृष्ण महताब ने देशभक्ति को ही देश के विकास का आधार माना. उन्होंने अपने वक्तव्यों और लेखों द्वारा लोगों को राष्ट्रवादी विचारों से अभिप्रेरित किया. राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि डा हरेकृष्ण महताब का नेतृत्व कौशल और राष्ट्रवादी विचार हमेशा हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे.