नई दिल्ली: डाक विभाग ने उत्कल केशरी के नाम से मशहूर डा हरेकृष्ण महताब की 125वीं जयंती के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया. यह डाक टिकट राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मु द्वारा गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में जारी किया गया. नई दिल्ली में आयोजित इस समारोह में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावतकेंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधानओड़िशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझीसंसद सदस्य भर्तृहरि महताब तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे. 21 नवंबर, 1899 को ओड़िशा के भद्रक जिले के अगरपारा गांव में जन्मे महताब की यात्रा गांधीवादी आदर्शों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय एकता के प्रति उनके अथक प्रयासों से प्रेरित थी. असहयोग आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने से लेकर ओडिशा में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व करने तकमहताब भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक दृढ़ स्तंभ के रूप में खड़े रहे.

ओड़िशा के प्रथम मुख्यमंत्री होने के साथ ही वे 1946-1950, 1956-1960 के रूप में उनका योगदान परिवर्तनकारी था. उन्होंने ओड़िआ भाषी रियासतों को एकजुट करनेराज्य की राजधानी को भुवनेश्वर में स्थानांतरित करने और हीराकुंड बांध और राउरकेला स्टील प्लांट जैसी विकास परियोजनाओं का नेतृत्व करने पर ध्यान केंद्रित किया. ओड़िशा के लिए उनका दृष्टिकोण प्रगति और औद्योगीकरण का एक मानक बना हुआ है. डा हरेकृष्ण महताब की 125वीं जयंती पर जारी स्मारक डाक टिकट की डिजाइन शंख सामंत ने किया था. यह स्मारक डाक टिकट ओड़िशा के विकास में हरेकृष्ण महताब के योगदान को खूबसूरती से दर्शाता है. साथ में दिया गया फर्स्ट डे कवर और ब्रोशर संग्रह को और समृद्ध करता हैजिससे यह डाक टिकट संग्रहकर्ताओं और प्रशंसकों के लिए एक यादगार स्मृति चिन्ह बन जाता है. स्टाम्पएफडीसी और ब्रोशर जनता के लिए भी उपलब्ध हैं. यह संग्रहणीय सामग्री उत्कल केशरी डा हरेकृष्ण महताब की विरासत का जश्न मनाने के लिए है.