आगरा: ‘उपन्यास यदि जीवन है, तो कहानी एक घटना और लघुकथा एक पल भर है. ये सभी हमारे और आपके जीवन की घटनाएं हैं. समाज से ही कहानी बनती है और कहानी समाज को बनाती है.‘ यह बात हिंदी-कहानी पाठ प्रतियोगिता के निर्णायक साहित्यकार डा शशि गोयल ने कही. डा भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, हिंदी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित 10 दिवसीय हिंदी उत्सव के अंतर्गत इस प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था. इसमें कुल 25 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता की. प्रतिभागियों द्वारा देशभक्ति एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर आधारित स्वरचित रोचक कहानियों का विशिष्ट शैली में वाचन किया गया. निर्णायक मंडल के वरिष्ठों ने प्रतिभागियों को कहानी कला के तत्वों को समझाते हुए उन्हें कहानी लिखने के सूत्र बताए, साथ ही साहित्य लेखन की उपयोगिता एवं साहित्यकारों के दायित्व की भी चर्चा की.
निर्णायक मंडल के ही सदस्य साहित्यकार डा दिनेश पाठक ने कहा कि बच्चे ही देश के भावी कर्णधार होते हैं. अतः बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए स्तरीय साहित्य के लेखन की परम आवश्यकता है. प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ और समग्र प्रदर्शन के आधार पर प्रथम स्थान पर खंडेलवाल किशोरी रमण महिला पीजी कालेज मथुरा की प्रियंका, द्वितीय स्थान पर संयुक्त रूप से केएमआई की छात्रा विनीता शर्मा एवं छात्र शिवम ओझा और तृतीय स्थान पर संयुक्त रूप से केएमआई के ही छात्र सत्यम तथा अनमोल को विजेता घोषित किया गया. प्रतियोगिता के संयोजक डा संदीप शर्मा तथा सहसंयोजक तथा संचालक प्रीती यादव रहीं. संस्थान के शिक्षकों में कार्यक्रम समन्वयक डा पल्लवी आर्य तथा डा नीलम यादव, डा केशव शर्मा, डा अमित कुमार सिंह, डा मोहिनी दयाल, डा वर्षा रानी, डा रमा, डा शालिनी श्रीवास्तव, कंचन, डा चारू अग्रवाल आदि उपस्थित रहे.