नई दिल्ली: कवि, आलोचक और ‘साहित्य परिक्रमा’ के संपादक इंदुशेखर तत्पुरुष को मीडिया विमर्श परिवार द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में 14वें पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया। समारोह की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्रोफेसर प्रो चंदन कुमार ने की। कार्यक्रम में हंसराज कॉलेज, दिल्ली की प्राचार्य प्रो रमा एवं साहित्यकार गिरीश पंकज विशिष्टि अतिथि के रूप में शामिल हुए। प्रोफेसर चंदन कुमार ने कहा कि आज तथ्यात्मक लेखन लुप्त होता जा रहा है। पत्रकारिता में इसका बड़ा महत्व है। बौद्धिकों और शोधार्थियों की '2 मिनट नूडल्स' वाली सोच के कारण तथ्यात्मक लेखन बंद हो गया है।
'साहित्य परिक्रमा' के संपादक इंदुशेखर 'तत्पुरुष’ ने कहा कि वह समाज सर्वश्रेष्ठ होता है, जहां साहित्य उसे दिशा देता है। इसी कारण समाज में साहित्यिक पत्रकारिता का बड़ा महत्व है। सांस्कृतिक और आर्थिक पत्रकारिता भी साहित्यिक पत्रकारिता के पीछे चलती हैं। तत्पुरुष ने बतायया कि स्वतंत्रता से पहले और स्वतंत्रता के बाद साहित्यिक पत्रकारिता का हमेशा से एक विजन रहा है और उसने देश को नई दिशा देने का कार्य किया है। प्रो रमा ने कहा कि आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। भारत के युवाओं को अपने लक्ष्य को तय करना होगा। अगले 25 वर्ष हमारे हाथों में हैं। इन 25 वर्षों में हम भारत को बदलेंगे। यही भारत के प्रत्येक व्यक्ति का संकल्प होना चाहिए। त्रैमासिक पत्रिका ‘मीडिया विमर्श’ के सलाहकार संपादक प्रो. संजय द्विवेदी ने बताया कि यह पुरस्कार प्रतिवर्ष हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। इस अवॉर्ड का यह 14वां वर्ष है। इस अवसर पर युवाओं को संस्कृत से जोड़ने के उद्देश्य से प्रकाशित शिवेश प्रताप की पुस्तक 'जिंदगी की बात, संस्कृत के साथ' का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन विष्णुप्रिया पांडेय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन सौरभ मालवीय ने किया। (वि)
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