रामपुरः अच्छी बात है कि छोटे शहर और गांव भी साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र बनते जा रहे हैं. आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था काव्यधारा की ओर से यहां एक भव्य साहित्यिक आयोजन हुआ. इसमें साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं, पुस्तकों के विमोचन के अलावा काव्य गोष्ठी भी संपन्न हुई. इस दौरान गांव की गंध पत्रिका का विमोचन हुआ. कवि राम सागर शर्मा के काव्य संग्रह गांव की गंध का विमोचन भी डा. रघुवीर शरण शर्मा की अध्यक्षता में हुआ. मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रजवल्लित कर गोष्ठी प्रारंभ हुई. फिर हिन्दी साहित्य की उत्कृष्ट सेवा के लिए कवि राम सागर शर्मा का शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. रघुवीर शरण शर्मा ने कहा कि कविता ने हमेशा समाज को नई दिशा प्रदान की है. कविता में सत्ता को हिलाने तक की सामर्थ्य होती है. कविता का मतलब है कि कवि अपनी कलम से वह लिखे, जिससे समाज को प्रेरणा मिल सके. जब ऐसा होता है तो कविता सार्थक हो जाती है. आज के समय में भटकती युवा पीढ़ी की रुचि साहित्य से दूर होती जा रही है. यह चिंता का विषय है. हम सबको मिल कर प्रयास करने होंगे कि युवा साहित्य के निकट आएं.
ऐसे आयोजनों से खुश मुख्य अतिथि ने यह माना कि कुछ युवा काव्य धरोहर को संभाले हुए भी हैं. उनकी कलम अच्छा लिख रही है. ऐसे युवाओं को देख कर हृदय को ठंडक मिलती है. उन्होंने कहा कि कवि रामसागर ने अपनी इस पुस्तक में जिस तरह की कविताओं का समावेश किया है, उससे यह उत्कृष्ट कृति कही जा सकती है. इस अवसर पर काव्य गोष्ठी में स्थानीय कवियों ने एक से बढ़कर एक कविताएं सुनाईं. कार्यक्रम में हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर अरुण कुमार ने कहा कि कविता सदा से ही मानवता का पथ प्रदर्शन करती है. उन्होंने कहा..कविता वह सजृन है, जिसमें सभी तरह के समाधान मिलते हैं. कविताएं इनसान को अंधेरे से रोशनी की राह दिखाती हैं. इस अवसर पर जो साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे उनमें राम किशोर वर्मा, गीता कपूर, जितेंद्र कमल आनंद, संदीप शर्मा, रोहित यादव, प्रदीप सिंह, अभिनव शर्मा, विमला शर्मा आदि के नाम उल्लेखनीय हैं. कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र कमल आनंद ने किया. भारी संख्या में छात्रों और युवाओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.