नई दिल्लीः राजधानी के हौज़ख़ास स्थित जयपुर हाउस में आयोजित यह एक भव्य पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम था. साहित्यिक चर्चा से भरपूर. किताबगंज प्रकाशन ने एक साथ अपने द्वारा प्रकाशित पांच पुस्तकों के विमोचन की घोषणा की थी, जिसमें लेखकों और उनके प्रशंसकों का जुटना लाजिमी था. इस अवसर पर लोकार्पित होने वाली पुस्तकों में वरिष्ठ ग़ज़लकार एवं आलोचक अनिरुद्ध सिन्हा के ग़ज़ल-संग्रह 'तो मैं ग़ज़ल कहूं', विज्ञान व्रत के ग़ज़ल-संग्रह 'मेरा चेहरा वापस दो', ज्ञानप्रकाश विवेक के ग़ज़ल-संग्रह 'दरवाज़े पर दस्तक', माधव कौशिक का ग़ज़ल संग्रह 'पानी पर तहरीर नयी', डॉ कृष्णकुमार 'नाज़' द्वारा संपादित बालगीत-मंथन का विमोचन शामिल है.
कार्यक्रम में किताबगंज प्रकाशन के निदेशक डॉ प्रमोद सागर की इस बात के लिए तारीफ की गई कि उन्होंने इन पुस्तकों के प्रकाशन में व्यवसाय से ऊपर साहित्यिक गुणवत्ता का मान रखा. वैसे भी एक साथ इतनी संख्या में ग़ज़ल संकलन का प्रकाशित और एक साथ लोकार्पित होना अपने आप में बड़ी बात है. इस अवसर पर रचनाकारों ने अपने-अपने अनुभव सांझा तो किए ही, एकदूसरे की रचनाओं के बारे में अपनी राय भी जाहिर की. लोकार्पण कार्यक्रम एक तरह से प्रकाशित पुस्तकों पर एक विचार गोष्ठी सदृश भी था. इस अवसर पर उपस्थित साहित्यकारों में अनिरुद्ध सिन्हा, विज्ञान व्रत, ज्ञानप्रकाश विवेक, कमलेश भट्ट कमल, डॉ दरवेश भारती, डॉ कृष्णकुमार 'नाज़', सत्येंद्र श्रीवास्तव, प्रो. अनिल पांडे, अमरेंद्र मिश्र, शंकर भारती आदि शामिल थे.