शिमलाः हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच द्वारा आयोजित स्मृति समागम में 12 दिवंगत साहित्यकारों को याद किया गया.  मंच के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार एसआर हरनोट ने समागम में पधारे लेखकों, साहित्य प्रेमियों और मंच के सदस्यों का आभार व्यक्त किया और आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए हिमाचल सरकार तथा भाषा विभाग के निदेशक से लेखकों की जयंती को स्मृति समागमों में बदलने पर बल दिया. उन्होंने दिवंगत लेखकों की पुस्तकों और उनसे संबंधित अन्य सामग्री के रखरखाव हेतु भी उनके परिजनों के साथ विचार विमर्श कर सुरक्षित रखने के उचित प्रबंध की मांग की. हरनोट ने प्रदेश की साहित्यिक संस्थाओं और भाषा विभाग तथा अकादमी से इस ओर मदद करने और दिवंगत लेखकों की किसी रचना को स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में शामिल करने का सुझाव दिया. पहले सत्र में डॉ बंशीराम शर्मा को श्रीनिवास जोशी ने याद किया. श्रीनिवास श्रीकांत के रचनाकर्म पर आत्मां रंजन ने आलेख प्रस्तुत किया और प्रो मीनाक्षी पॉल ने उनका परिचय पढ़ा. डॉ विद्यानिधि छाबड़ा द्वारा उनकी कुछ समसामयिक कविताओं का पाठ किया गया. तेजराम शर्मा की स्मृति में डॉ देवेंद्र गुप्ता ने आलेख के साथ उनकी कुछ चुनिंदा कविताओं का पाठ प्रस्तुत किया. डॉ मौलूराम ठाकुर पर डॉ इंद्र ठाकुर ने आलेख और सीताराम शर्मा ने उनका परिचय पढ़ा. रत्न एस हिमेश पर उनकी सुपुत्री डॉ आइरीन रतन ने अत्यंत भावुक कर देने वाला संस्मरण सुनाया, तो गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय ने उनका परिचय पढ़ा. 

 

इसी सत्र में सरोज वशिष्ठ पर भारती कुठियाला ने लेख और दीप्ति सारस्वत प्रतिमा ने उनका परिचय प्रस्तुत किया. भाषा विभाग के निदेशक डॉ पंकज ललित ने इस सत्र की अध्यक्षता की और उनके साथ मंच श्रीनिवास जोशी, डॉ देवेंद्र गुप्ता और मीनाक्षी एफ पॉल ने साझा किया. दूसरे सत्र में जिन छह दिवंगत लेखकों को याद किया गया उनमें बद्री सिंह भाटिया पर अश्वनी कुमार, मियां गोवर्धन सिंह पर नेमचंद अजनबी, सत्येन शर्मा पर विनोद भारद्वाज, रामदयाल नीरज पर रजनीश शर्मा, मधुकर भारती पर डॉ सत्यनारायण स्नेही और अरुण भारती पर उनके सुपुत्र अश्वनी शर्मा ने अत्यंत आत्मीय आलेख प्रस्तुत किए. इन लेखकों का परिचय क्रमशः उमा ठाकुर नधैक, डॉ मधु शर्मा कात्यायनी, यादव कुमार, नरेश दयोग और वंदना राणा ने पढ़े. जगदीश बाली ने दोनों सत्रों में मंच संचालन किया. दूसरे सत्र की अध्यक्षता श्रीनिवास जोशी ने की जबकि डी के गुप्ता, जगदीश शर्मा और संजय शर्मा भी अध्यक्ष मंडल में शामिल रहे. कार्यक्रम में बहुत से लेखकों और साहित्य प्रेमियों ने गिरती हुई बर्फ के बीच भी बड़ी संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई. धन्यवाद मंच के महासचिव कवि आलोचक आत्मा रंजन ने प्रस्तुत किया. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि गेयटी में ओकार्ड इंडिया की पुस्तक प्रदर्शनी और साहित्य उत्सव 5 जनवरी तक रहेगी, जिसमें कई साहित्य कार्यक्रम होंगे. यह आयोजन हिमाचल अकादमी और ओकार्ड इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहे हैं.