नई दिल्ली: हिमाचल लोक कला की अनजान-अनूठी कृतियों की एक भव्य प्रदर्शनी राजधानी के राष्ट्रीय संग्रहालय में लगी है, जिसका उद्घाटन भारत सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रह्लाद सिंह पटेल ने किया गया. संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय के मंत्री का पदभार संभालने के बाद पटेल का यह पहला सार्वजानिक कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली और 'होम ऑफ फोक आर्ट' यानी आदिवासी, लोक और उपेक्षित कला संग्रहालय, गुरुग्राम द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था. कार्यक्रम में आईसीसीआर के महानिदेशक अखिलेश मिश्रा व आदिवासी लोक कला गृह गुरुग्राम के निदेशक बीएन आर्यन सहित कई अधिकारी व अन्य प्रतिष्ठित लोग भी उपस्थित थे. प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि लोक कला और लोक संस्कृति किसी भी समाज के अस्तित्व के अभिन्न अंग है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में उनका मंत्रालय इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए कड़े प्रयास करेगा.
यह प्रदर्शनी राष्ट्रीय संग्रहालय की पांच हजार वर्ष पुरानी पुरावस्तुओं के संग्रह के साथ-साथ 'होम ऑफ फोक आर्ट' गुरुग्राम के संग्रहालय में स्वर्गीय केसी आर्यन द्वारा संजोई गई कुछ ऐसी नायाब कलाकृतियों से समृद्ध है, जो हिमाचल के लोकजीवन का हिस्सा रही कलाकृतियों का अनूठा नमूना हैं. ऐसी अनूठी मूर्तियां आदि गांवों में निकाली जाने वाली यात्राओं में कभी-कभार भले ही दिख जाएं, मगर दिल्ली तथा अन्य मेट्रोपॉलिटन शहरों में पलने-बढ़ने वाली आज की पीढ़ी तो इन सब से प्रायः अनजान ही है. इस प्रदर्शनी में 240 से भी अधिक कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं. इनमें से 230 कलाकृतियां गुरुग्राम स्थित होम ऑफ फोक आर्ट के स्वर्गीय केसी आर्यन के व्यक्तिगत जीवनकाल संग्रह से संबंधित हैं. कार्यक्रम का संचालन अलका सिन्हा ने किया. यह प्रदर्शनी सोमवार और राष्ट्रीय अवकाश दिवस को छोड़कर मंगलवार से शुक्रवार तक आम जनता के लिए प्रात: 10 बजे से शाम 6 बजे तक और शनिवार एवं रविवार प्रात: 10 बजे से रात 8 बजे तक खुली रहेगी. इस प्रदर्शनी को लोग 31 जुलाई, 2019 तक देख सकते हैं.