शिमलाः नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया की पुस्तकें जहां पठनीयता का माहौल बनाती हैं, वही लोगों को शिक्षित करने के साथ ही पाठकों में संस्कार भी विकसित करती है. यह उद्गार महाराजा लक्ष्मण सैन मेमोरियल महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अजय कपूर ने नवसाक्षर सृजन कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि इस कार्यशाला में हिमाचल के वरिष्ठ व नए लेखक कहानियां लिखेंगे. इन कहानियों का प्रकाशन नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा किया जाएगा. नवसाक्षर सृजन कार्यशाला के संदर्भ में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के हिंदी संपादक व हिमाचल प्रदेश के लिए नोडल अधिकारी डॉ ललित किशोर मंडोरा ने कहा कि इस राज्य में सम्भवतः यह दूसरी कार्यशाला है. बीस वर्ष पहले सोलन में ऐसी कार्यशाला का आयोजन किया गया था. हालांकि न्यास ने हिमाचल में पुस्तक मेलों का आयोजन कई बार किया है, जिसमें धर्मशाला, शिमला, मंडी व कुल्लू प्रमुख हैं. तीन वर्ष पहले लाहौल-स्पीति में भी हिमाचल भाषा विभाग व संस्कृति अकादेमी के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. मंडोरा ने बताया कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने अब तक हिमाचल प्रदेश के अनेक ख्यातिप्राप्त रचनाकारों को प्रकाशित किया है, जिनमें श्रीनिवास जोशी, सुदर्शन वशिष्ठ, प्रत्यूष गुलेरी, पीयूष गुलेरी, गौतम शर्मा व्यथित, सुशील कुमार फुल्ल, सूरत ठाकुर आदि प्रमुख हैं.

इस नवसाक्षर सृजन कार्यशाला का उद्देश्य है कि सरल भाषा में पठनीय पुस्तकों का प्रकाशन किया जाए ताकि हमारे ग्रामीण पाठकों को उनकी रुचि के अनुसार पुस्तकें मिल सकें. कार्यशाला के स्थानीय समन्वयक डॉ  गंगाराम राजी ने कहा, सुंदरनगर में इस तरह के आयोजन से कार्यशालाओं से निसंदेह व्यापक स्तर तक संदेश जाएगा. हमारी देवभूमि सर्जनात्मक क्षमता से परिपूर्ण है.लेखकों की कमी नहीं है, उनके प्रयास को मुख्य धारा तक जोड़ने का प्रयास न्यास ने किया है, वह बधाई के योग्य है. कार्यशाला में शामिल होने वाले रचनाकारों में प्रमुख हैं, सुशील कुमार फुल्ल, प्रत्यूष गुलेरी, सरोज परमार, दीपक शर्मा, गणेश भारद्वाज गनी, सूरत ठाकुर, कृष्णा ठाकुर, शेर सिंह, नरेंद्र देव, विनोद कुमार भावुक, डॉ आरके गुप्ता, रूपेश्वरी शर्मा, गंगाराम राजी, कृष्णचन्द्र महादेविया, पवन चौहान, मुरारी शर्मा, दीनू कश्यप, कमल प्यासा, रोशन चौहान, विजय विशाल, सुरेंद्र मिश्रा, रतन लाल शर्मा, हरि प्रिया, लेख राम वर्मा, जोगिंदर ठाकुर, डॉ सुदर्शन वसिष्ठ. कार्यशाला के उद्धघाटन कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की डॉ कमलेश कुमारी ने किया.