ई-संवादी2019-02-21T16:31:18+05:30

‘पुस्तकायन’ से अकादेमी ने एक ऐसी परंपरा की शुरुआत की, जो बच्चों और युवाओं को पढ़ने के लिए प्रेरित करेगी: नवतेज सरना

By |December 9th, 2024|

नई दिल्ली: "साहित्य अकादेमी भारतीय साहित्य का दिल है और यहां 24 भारतीय भाषाओं के बीच भारतीय विविधता में एकता को जीवंत होते हुए देखा जा सकता है. 'पुस्तकायन' पुस्तक मेले के जरिए अकादेमी ने [...]

राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति ने एकलव्य माडल आवासीय विद्यालयों के लिए मंथन शिविर आयोजित किया

By |December 9th, 2024|

नई दिल्ली: राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति ने एक मंथन शिविर का आयोजन किया. इस कार्यक्रम के दौरान गहन विचार-मंथन सत्र आयोजित हुआ, जिसमें देश भर के 22 राज्यों के राज्य नोडल अधिकारी [...]

भू-राजनीतिक संकट का समाधान केवल भगवान बुद्ध द्वारा प्रचारित धम्म के सिद्धांतों का पालन करने से ही संभव: केंद्रीय मंत्री शेखावत

By |December 9th, 2024|

नई दिल्ली: "'शून्यता' की गहन बौद्ध अवधारणा सभी दार्शनिक शाखाओं का केंद्र है, जिसे कुछ हद तक शून्यता के पर्याय के रूप में गलत समझा जाता है. फिर भी यह आपके अस्तित्व को [...]

समाज को सशक्त बनाने में पुस्तकालय उपयोगी, किताबों से दोस्ती बढ़ाइए और जीवन में बदलाव देखिए: प्रधानमंत्री मोदी

By |December 6th, 2024|

नई दिल्ली: "आजकल बच्चों की पढ़ाई को लेकर कई तरह के प्रयोग हो रहे हैं. कोशिश यही है कि हमारे बच्चों में क्रिएटिवटी और बढ़े, किताबों के लिए उनमें प्रेम [...]

लचित बोरफुकन की बहादुरी, अदम्य शक्ति, साहस और वीरता की कहानी युवाओं को प्रेरित करती है: केंद्रीय मंत्री सोनोवाल

By |December 6th, 2024|

नई दिल्ली: "लचित बोरफुकन की बहादुरी, अदम्य शक्ति, साहस और वीरता की कहानी हमारे देश, विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित करती है. सराईघाट के ऐतिहासिक नौसैनिक युद्ध के दौरान [...]

साहित्य समाज के दबे-कुचले मुद्दों को सामने लाता है: ‘समकालीन चुनौतियां और साहित्य’ विषयक व्याख्यान में ममता कालिया

By |December 6th, 2024|

पटना: स्थानीय बिहार संग्रहालय में आयोजित 'उदयोत्सव' समारोह में साहित्य की विविध विधाओं के प्रतिष्ठित लेखकों, रचनाकारों और लेखकों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का आयोजन नई धारा पत्रिका के [...]

हमारा संविधान जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज, जिसमें समय के अनुसार नए विचारों को अपनाने की व्यवस्था है: राष्ट्रपति मुर्मु

By |December 6th, 2024|

नई दिल्ली: "हमारा संविधान, हमारे लोकतांत्रिक गणतंत्र की सुदृढ़ आधारशिला है. हमारा संविधान, हमारे सामूहिक और व्यक्तिगत स्वाभिमान को सुनिश्चित करता है." राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संविधान दिवस के अवसर [...]

हिंदी साहित्य आस्थावाद से मार्क्सवाद, अस्तित्ववाद, तर्क विज्ञान को पार करते हुए उत्तर आधुनिक काल तक पहुंचा: प्रो एन मोहन

By |December 6th, 2024|

समराला: "हिंदी साहित्य में उत्तर आधुनिक काल एक विमर्श का समय रहा है, जिसमें समाज द्वारा हाशिए पर धकेले गए लोग अपने अस्तित्व को बचाने के लिए प्रयासरत रहे. इस [...]

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