प्रामाणिक संवाद और सार्थक अभिव्यक्ति की कमी से आजकल संस्थागत चुनौतियां उत्पन्न होती हैं: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
नई दिल्ली: "आजकल की संस्थागत चुनौतियां, भीतर और बाहर से, अक्सर प्रामाणिक संवाद और सार्थक अभिव्यक्ति की कमी से उत्पन्न होती हैं. अभिव्यक्ति और संवाद लोकतंत्र के अनमोल रत्न हैं. अभिव्यक्ति और संचार [...]
खानबदोश से हिंदी जगत में भी छा जाने वाली पंजाबी लेखिका अजीत कौर को साहित्य अकादेमी की महत्तर सदस्यता
नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी ने प्रतिष्ठित पंजाबी लेखिका और विदुषी अजीत कौर को अपने सर्वोच्च सम्मान महत्तर सदस्यता से सम्मानित किया. सम्मान स्वरूप दिया जाने वाला ताम्र फलक और अंगवस्त्रम [...]
भारतीय शिक्षा बोर्ड एवं पतंजलि योगपीठ का पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह; प्रोफेसर राम दरश मिश्र सम्मानित
नई दिल्ली: राजधानी के रवींद्र भवन सभागार में भारतीय शिक्षा बोर्ड एवं पतंजलि योगपीठ ने पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह का आयोजन किया. इस अवसर पर भारतीय शिक्षा बोर्ड की [...]
देश के एकीकरण में हिंदी की ऐतिहासिक भूमिका: दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा मद्रास के 83वें दीक्षांत समारोह में सोनोवाल
चेन्नई: "हिंदी ने कभी भी अपने किसी भी क्षेत्रीय समकक्ष के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार नहीं किया है और उनमें से प्रत्येक को स्वीकार किया है. बल्कि, हिंदी ने अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को [...]
डोगरी के साहित्याकाश का ध्रुवतारा, ललद्यद और हब्बा खातून थीं पद्मा सचदेव: साहित्य अकादेमी ने के परिसंवाद में ओम गोस्वामी
नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी ने डोगरी और हिंदी की प्रख्यात लेखिका, कवयित्री और अनुवादिका पद्मा सचदेव के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित एक परिसंवाद का आयोजन साहित्य अकादेमी के तृतीय तल [...]
साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2024 में हिंदी की गगन गिल, अंग्रेजी की ईस्टरिन किरे के साथ सभी 21 साहित्यकार और उनकी रचनाएं
नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी ने 2024 के साहित्य अकादेमी पुरस्कार की घोषणा कर दी है. इस साल हिंदी के लिए गगन गिल और अंग्रेजी के लिए ईस्टरिन किरे को पुरस्कार [...]
भाषाएं हमारी पहचान का हिस्सा, भाषा वह माध्यम जिससे मानवता व्यक्त होती है: भारतीय भाषा उत्सव में केंद्रीय मंत्री चौधरी
नई दिल्ली: "भाषा वह माध्यम है जिसके द्वारा आंतरिक मानवता व्यक्त होती है, और इसे संरक्षित करने से सुब्रह्मण्य भारती के शब्दों को जीवन मिलेगा कि 'मनुष्य अमर है." केंद्रीय [...]
स्वामी विवेकानंद आधुनिक विज्ञान के बड़े समर्थक थे, वे भारत को एक सशक्त देश के रूप में देखना चाहते थे: प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली: "वृक्ष के फल की, उसके सामर्थ्य की पहचान उसके बीज से होती है. रामकृष्ण मठ ऐसा वृक्ष है, जिसके बीज में स्वामी विवेकानंद जैसे महान तपस्वी की अनंत [...]