नई दिल्लीः दैनिक जागरण अखिल भारतीय हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता की स्कूल श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार जीतने वाली स्वामी आत्मानंद विद्यालय रायपुर की 10वीं की छात्रा वृद्धि शर्मा ने राष्ट्र के निर्माण में युवाओं के योगदान को न केवल समझती हैं, बल्कि उसे सरल शब्दों में समझाना भी जानती हैं, तभी तो वे विजेता बनीं. स्वाधीनता के अमृत महोत्सव वर्ष में दुनिया के सबसे बड़े हिंदी समाचारपत्र दैनिक जागरण ने जब राजभाषा हिंदी को जनभाषा बनाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया, तो अनेक युवा प्रतिभाएं सामने आईं. यह आयोजन दैनिक जागरण द्वारा हम सबकी भाषा हिंदी को समृद्ध करने के उपक्रम 'हिंदी हैं हम' अभियान का एक हिस्सा है. इस निबंध प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में हिंदी लेखन का विकास करना और भविष्य में उन्हें हिंदी सेवी के रूप में तैयार करना है. इसी की स्कूल श्रेणी की विजेता वृद्धि का कहना है कि उन्हें रोज अखबार पढ़ने की आदत है. इस दौरान उन्हें दैनिक जागरण द्वारा अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता की जानकारी मिली. पिता की सलाह पर उन्होंने ऑनलाइन फार्म भरा. प्रतियोगिता में 'राष्ट्र निर्माण व युवा शक्ति' विषय पर निबंध लेखन में शिरकत की. इस विषय पर अपने विचार के बारे में पिता और बहनों से चर्चा की. साथ ही इंटरनेट के माध्यम से कुछ जानकारियां जुटाई. उन्हें अपनी इस सफलता पर संतोष है।

दुर्ग जिले के अमलेश्वर निवासी वृद्धि शर्मा को नौवीं से 12वीं कक्षा के छात्रों की श्रेणी में 50 हजार रुपए का पुरस्कार प्राप्त हुआ है. राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को गौरवांवित करने वाली वृद्धि का कहना है कि उन्हें लेखन कला की प्रेरणा पिता संतोष शर्मा और बहनें पलक व परिधि से मिली. पिता उन्हें बचपन से ही लिखने-पढ़ने के लिए प्रेरित करते थे. घर में सभी बहनें एक-साथ पढ़ाई करती हैं. स्कूल के विषयों की पढ़ाई के बाद समय मिलने पर हमेशा कविता व लेख लिखतीं हैं. पिता के मार्गदर्शन में पढ़ाई के साथ अखबार पढ़ना भी आदत में शामिल है. अखबार में न केवल देश-दुनिया में चलने वाली खबरों की जानकारी मिलती है बल्कि समाज से जुड़ी जानकारियां भी मिलती हैं. वृद्धि ने बताया कि जब उनकी लेखन में रुचि बढ़ने लगी तो उन्होंने स्कूल व अन्य प्रतियोगिताओं में भी भाग लेना शुरू कर दिया. इसे लेकर उन्हें लोगों की सराहना लगातार मिलती रही. वृद्धि ने बताया कि भविष्य में डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती है. इसके लिए वह तैयारी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है. हमारी भावना से जुड़े होने की वजह से इससे बेहद प्यार और लगाव है. सामाजिक मुद्दों और समस्याओं को लेकर कविताएं और लेख लिखना पसंद है. लेख के माध्यम से हम न सिर्फ समाज के प्रति अपनी सोच को बताते हैं. समाज में सकारात्मक बदलाव भी ला सकते हैं.  दैनिक जागरण अखिल भारतीय हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता में कोलकाता की हिंदी सेवी संस्था प्रभा खेतान फाउंडेशन और श्री सीमेंट का सहयोग मिला.