नई दिल्लीः भारतीय भाषा परिषद और वाणी प्रकाशन के तत्वाधान से निर्मित 'हिंदी साहित्य ज्ञान कोश' राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को राष्ट्रपति निवास में भेंट किया गया. इस अवसर पर वाणी प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरुण माहेश्वरी, निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल, प्रधान संपादक शंभूनाथ, कुसुम खेमानी, अध्यक्ष भारतीय भाषा परिषद, विमला पोद्दार, मंत्री भाभाप, विवेक गुप्त, सन्मार्ग अख़बार के मुख्य संपादक एवं पूर्व सांसद, राज्यसभा उपस्थित थे. इसके बाद इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 'हिन्दी साहित्य ज्ञानकोश' पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें इस महत्त्वपूर्ण परियोजना के मुख्य संपादक शंभूनाथ एवं वाणी प्रकाशन के प्रबन्ध निदेशक अरुण माहेश्वरी ने पत्रकारों से कोश में लगे विशद शोध एवं इसकी निर्माण प्रक्रिया पर बातचीत की.
सात खण्डों का 'हिन्दी साहित्य ज्ञान कोश' हिन्दी के पाठकों के लिए उपलब्ध है. हिन्दी साहित्य में पहला ऐसा प्रयास है जो शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, शिक्षकों के अतिरिक्त आम पाठकों के लिए भी उतना ही लाभप्रद है. शंभूनाथ ने बताया कि 'हिन्दी साहित्य ज्ञानकोश' पूरे हिन्दी संसार का एक सपना था. जिस भाषा में अद्यतन ज्ञानकोश न हो, उसे दरिद्र मानना चाहिए. एक स्वतन्त्र देश में हरेक को अपनी राष्ट्रीय भाषा में उच्च ज्ञान और अध्ययन का अधिकार है. अंग्रेज़ी की ओर झुकने की बाध्यता नहीं होनी चाहिए. हिन्दी साहित्य ज्ञानकोश इसमें यह आत्मविश्वास पैदा कर सकता है कि हिन्दी उच्च ज्ञान का द्वार बन सकती है. हिन्दी में ज्ञान के आकाश की विस्तृत घटनाओं को जाना जा सकता है और आनन्द लिया जा सकता है.