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मन में अक्सर सवाल उठता है, ‘नया क्या??’ इसके जवाब में कभी हम सोशल मीडिया के अपने टाइमलाइन को देखते हैं, तो कभी रिमोट के जरिये चैनल ‘सर्फिंग’ में लग जाते हैं| फिल्मों के ट्रेलर और प्रमोशन के जरिये अक्सर हमें नई फिल्मों के बारे में पता चलता है| तो प्रकाशकों की सूची के माध्यम से नई किताबों की जानकारी हमें मिलती है| पाठकों तक सभी प्रकाशकों की सूची पहुंच नहीं पाती है। हिंदी के कुछ प्रकाशकों से बात करके नई और आगामी दिनों में प्रकाशित होनेवाली कुछ महत्वपूर्ण किताबों की जानकारी हासिल की| हिंदी की आगामी किताबों में लेखक और प्रकाशक विविधता को ध्यान में रखते हुए महिला विमर्श, समाज, पत्रकारिता इत्यादि को केंद्र में किताबें लाने को तैयार हैं|

इन नई किताबों में राजीव रंजन प्रसाद की बस्तर – अनकही अनजानी कहानियां’ पढ़ने को मिलेगी, जो बस्तर की कुछ और परतें आपके समक्ष खोलेगी| बस्तर छत्तीसगढ़ प्रान्त का, खूबसूरत जंगलों और आदिवासी संस्कृति से रंगा हुआ जिला है| लेकिन विडंबना यह है कि बस्तर को इसकी ख़ूबसूरती के बजाय, इसमें चल रहे नक्सली संघर्ष की बदौलत अधिक जाना जाता है| राजीव रंजन बस्तर के कुछ अनजाने पहलु किताब के माध्यम से पेश कर रहे हैं| ये किताब यश पब्लिकेशन से आने वाली है| यश पब्लिकेशन के नमुताबिक कुछ और महत्वपूर्ण किताबों में राकेश सिन्हा की किताबसंघ और समाज’मृदुला सिन्हा की किताब सामाजिक सरोकार’  है।

गांधीवादी विचारधारा के वरिष्ठ लेखक श्री भगवान सिंह गाँव मेरा देश’ नामक किताब के माध्यम से गाँव से जुडी स्मृतियों को न सिर्फ अपने पाठकों से साझा करेंगे, अपितु एक आदर्श स्थिति को भी प्रस्तुत करने की कोशिश करेंगे| उनकी यह किताब सामयिक प्रकाशन से आ चुकी है। सामयिक प्रकाशन के मुताबिक उनकी अन्य महत्वपूर्ण नई/आगामी किताबों में वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता की किताब कलम के सेनापति’ का भी जिक्र किया जा सकता है| इस किताब में तकरीबन 19-20 नामी संपादकों की जिंदगी और उनके कार्य की एक पत्रकार के नजरिये से पड़ताल करने की कोशिश की गई है| सामयिक प्रकाशन दो प्रमुख कहानी संग्रह भी प्रकाशित कर रहा है, जिनमें एक है सामाजिक कार्यकर्त्ता नूतन पांडे का लुइत की धारा से’ कहानी संग्रह | इसमें नूतन पांडे पूर्वोत्तर के सातों राज्यों की झांकी प्रस्तुत करेंगी| लुइत असम की एक नदी है| वहीँ के जीवन से जुड़ी कहानियां इस कहानी संग्रह से पाठक पढ़ पाएंगे| दूसरा कहानी संग्रह हिंदी की चर्चित लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ का है| उनकी सम्पूर्ण कहानियां दो खण्डों में जल्द ही सामयिक प्रकाशन से प्रकाशित होने वाली हैं| जिसके पहले संग्रह का नाम होगा, रंग रूप रस बिम्ब’|