हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर तेरह सितंबर दैनिक जागरण एक दिन का कार्यक्रम जागरण सान्निध्य का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय करेंगे। ये कार्यक्रम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित हो रहा है जिसमें चार सत्रों में हिंदी और उसके विभिन्न रूपों पर विशय के विशेषज्ञों के साथ चर्चा की जाएगी। शुक्रवार को आयोजित इस कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत दैनिक जागरण की 75 साल की यात्रा पर आयोजित प्रदर्शनी के शुभारंभ से होगी। इस प्रदर्शनी में दैनिक जागरण के महत्वपूर्ण पड़ावों को दिखाया जाएगा। इसके अलावा हिंदी को मजबूत करने के दैनिक जागरण के प्रकल्पों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद पहले सत्र में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव हिंदी के भविष्य पर व्याख्यान देंगे। इसके बाद के सत्र में रेडियो की बदलती भाषा पर आकाशवाणी के जैनेन्द्र सिंह और रेडियो सिटी की आरजे दिव्या से युवा लेखक राहुल नील का संवाद होगा। महात्मा गांधी ने भाषा को लेकर विपुल लेखन किया है। हिंदी को लेकर भी उनकी स्पष्ट राय थी। भाषा को लेकर गांधी की क्या सोच थी और वो हिंदी को भारत के लिए कितना आवश्यक मानते थे इस पर भोजनावकाश के बाद के सत्र में ‘गांधी और हिंदी’ विषय पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय और समाजशास्त्री प्रोफेसर आनंद कुमार अपनी बात रखेंगे। उनसे बातचीत करेंगे वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी। हिंदी, समाज और धर्म जैसे गंभीर विषय पर एक चर्चा होगी जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो सुधीश पचौरी के साथ चर्चा करेंगे उपन्यासकार अब्दुल बिस्मिल्लाह और हंसराज क़लेज की प्राचार्या डॉ रमा। इस संवाद का संचालन करेंगे उपन्यासकार भगवानदास मोरवाल। विज्ञापन की हिंदी को लेकर हिंदी जगत में खूब चर्चा होती है । आखिरी सत्र में गीतकार, कवि और विज्ञापन की दुनिया की बड़ी हस्ती प्रसून जोशी के साथ विज्ञापन की हिंदी पर बातचीत होगी।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सहयोग से आयोजित जागरण सान्निध्य का ये कार्यक्रम दैनिक जागरण की मुहिम हिंदी हैं हम का हिस्सा है। हिंदी हैं हम के तहत दैनिक जागरण सान्निध्य के अलावा, हिंदी में मौलिक शोध को बढ़ावा देने के लिए जागरण ज्ञानवृत्ति, हिंदी प्रकाशन जगत में पारदर्शिता लाने के लिए जागरण हिंदी बेस्टसेलर और हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच संवाद सेतु स्थापित करने के लिए जागरण वार्तालाप का आयोजन करता है।