चंडीगढ़ः हरियाणा सरकार राज्य में पुरस्कार और सम्मान के क्षेत्र में भाषाई असमानता खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. इस आशय का संकेत खुद राज्य के मुख्यमंत्री ने दिया है. राज्य में मौजूद या राज्य की तरफ से सम्मानित होने वाले विविध भाषाओं के साहित्यकारों के सम्मान के मद्देनजर सबको एक समान पुरस्कार राशि देने का फार्मूला तैयार करेगी. यह कहना है राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का. खट्टर ने कहा कि उनकी सरकार हिंदी, संस्कृत, पंजाबी और उर्दू के साहित्यकारों को एक समान पुरस्कार राशि देने के लिए फार्मूला निकालेगी. वर्तमान में विभिन्न भाषाओं के पुरस्कारों में भारी असमानताएं हैं. हरियाणा साहित्य पर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में चार भाषाओं के 138 साहित्यकारों को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही. मुख्यमंत्री ने रेवाड़ी में बाबू बालमुकुंद गुप्त के पैतृक गांव गुड़ियानी स्थित हवेली में सरकारी ई-लाइब्रेरी बनाने की भी घोषणा की.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने खट्टर ने हरियाणा संस्कृत अकादमी और पंजाबी साहित्य अकादमी की वेबसाइट व मोबाइल एप्लीकेशन लांच किए. मुख्यमंत्री हरियाणा संस्कृत अकादमी, हरियाणा ग्रंथ अकादमी, हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी, हरियाणा उर्दू अकादमी के अध्यक्ष भी हैं. साहित्य पर्व के सफल आयोजन पर मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त प्रधान सचिव और सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल व हरियाणा उर्दू अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ चंद्र त्रिखा को बधाई दी. इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, हरियाणा संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ दिनेश शास्त्री, हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र चौहान, हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह धमीजा ने भी अपनी बात रखी.