चंडीगढ़ः पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में स्वामी विवेकानंद अध्ययन केंद्र के मुख्य समन्वयक प्रो नंदिता शुक्ला सिंह तथा नेहरू युवा केंद्र संगठन, पंजाब और चंडीगढ़ के राज्य निदेशक सुरिंदर सैनी की अगुआई में 'स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएंः आज के युवाओं के लिए प्रासंगिक' विषय पर एक वेबिनार आयोजित हुआ. इस वेबिनार में प्रो नंदिता ने मन को नियंत्रित करने के महत्त्व पर स्वामी विवेकानंद के विचारों पर प्रकाश डाला. सी राजगोपालाचारी के वक्तव्य कि स्वामी विवेकानंद ने हिंदू धर्म को बचाया और भारत को बचाया. इसलिए हमें हर चीज के लिए स्वामी विवेकानंद का ऋणी होना चाहिए. उनका विश्वास, उनका प्रोत्साहन और उनकी अंतर्दृष्टि हमें हमेशा प्रेरित करती रहे, ताकि हम उस खजाने की रक्षा कर सकें जो हमने उनसे प्राप्त किया है! प्रो नंदिता ने कहा कि स्वामी जी ने शिक्षा को 'मनुष्य में पहले से ही पूर्णता की अभिव्यक्ति' के रूप में परिभाषित किया. शिक्षा का उद्देश्य हमारे जीवन में पूर्णता को प्रकट करना है, जो कि हमारे आंतरिक स्व का स्वभाव है. यह पूर्णता उस अनंत शक्ति का अनुभव है जो हर चीज में और हर जगह निवास करती है- अस्तित्व, चेतना और आनंद.
नेहरू युवा केंद्र संगठन के पंजाब और चंडीगढ़ के राज्य निदेशक सुरिंदर सैनी सभी प्रतिभागियों को 1893 में शिकागो की विश्व धर्म संसद में स्वामीजी के रचनात्मक भाषण की तरफ ले गए, जब स्वामी जी ने संयुक्त राज्य अमेरिका को हिंदू धर्म संबंधी जानकारी दी. उन्होंने धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरता को समाप्त करने का आह्वान किया. युवाओं पर स्वामी विवेकानंद के विचारों को साझा करते हुए सैनी ने कहा, 'स्वामीजी का मानना था कि युवा देश की नींव हैं और वे किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी संपत्ति हैं, क्योंकि वे ऊर्जा, उत्साह और नवीन विचारों से भरे हुए हैं.' उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करें ताकि देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सके. आरओबी चंडीगढ़ की उप निदेशक सपना ने वेबिनार के अतिथि वक्ताओं और अन्य प्रतिभागियों का स्वागत किया. पीआईबी चंडीगढ़ के सहायक निदेशक हर्षित नारंग ने सत्र का संचालन किया. आरओबी चंडीगढ़ की सहायक निदिेशक संगीता जोशी ने वेबिनार का समापन किया और सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया.