नई दिल्लीः 'स्वतंत्र भारत में राष्ट्रभाषा का सवाल' विषय पर 23 सितंबर को सायं 5.30 बजे राजधानी के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान्न में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई है, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ आलोचक मैनेजर पाण्डेय और विषय प्रवर्तन मिथिला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ब्रह्मदेव प्रसाद कार्यी करेंगे. कार्यक्रम में वक्ता के तौर पर समाजशास्त्री प्रोफेसर आनंद कुमार, आईसीएचआर के सदस्य सचिव रजनीश शुक्लादिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल राय, अलीगढ़ मुस्लिम साल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कमला नंद झा और वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार शिरकत करेंगे. अमर शहीद स्मृति समारोह के नाम से यह आयोजन हर साल अमर शहीद डॉ शिवपूजन राय प्रतिष्ठान द्वारा कराया जाता है, जिसमें भारी संख्या में लोग जुटते हैं. यह कार्यक्रम सभी के लिए खुला होता है.

दरअसल साल 1942 में 8 अगस्त को मुंबई में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जब 'अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन' का आगाज किया तो बिना किसी टेलीविजन और रेडियो संदेश के भी इसने जल्द ही समूचे देश को अपनी चपेट में ले लिया, पर इस आंदोलन के दौरान अंग्रेजों के दमन चक्र की आग में सबसे ज्यादा झुलसने वाले इलाकों में पूर्वांचल का नाम सबसे ऊपर है. गाजीपुर, बलिया, बनारस हर जगह अंग्रेजों का दमन जितना बढ़ता, इस आंदोलन की आग उतनी ही तेज भड़कती. वह 18 अगस्त, 1942 की तारीख थी, जब गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद तहसीले के शेरपुर गांव में आठ लोग शहीद हो गए.  इसी घटना की याद में पूर्वांचल के राजधानी में रह रहे लोग हर साल अमर शहीद डॉ शिवपूजन राय प्रतिष्ठान के बैनर तले यह कोई न कोई संगोष्ठी कर अमर बलिदानियों को याद करते हैं. कार्यक्रम के आयोजक मंडल में दीनानाथ शास्त्री, गोपाल जी राय, राजीव रंजन राय, रवि कुमार झा, धर्मेंद्र शुक्ला, सूर्यभान, आशुतोष, गुंजन कुमार, विपुल कुमार और विवेक मिश्रा शामिल हैं.