जमशेदपुरः स्थानीय सीतारामडेरा में ‘सृजन संवाद’ की मासिक साहित्यिक गोष्ठी डॉ. विजय शर्मा के आवास पर संपन्न हुई. इस गोष्ठी के किस्सागो थे, गज़लकार, कथाकार डॉ. अख्तर आजाद. उन्होंने अपनी नई कहानी 'फील्ड मार्शल' का पाठ किया. कथाकार अख्तर आजाद ने कहा कि जब कहानी सुनाने वाले का जादू सिर चढ़कर बोले तब मैं समझूंगा कि एक महान किस्सागो हूं. संवाद का संचालन करते हुए डॉ. विजय शर्मा ने इसे राजनीतिक जागरुकता के साथ यथार्थवादी कहानी बताया. 'फील्ड मार्शल' कहानी 1971 के भारत – पाकिस्तान के युद्ध की पृष्ठभूमि पर लिखी गई कहानी है, जो बांगलादेश के निर्माण और दोनों देशों के बीच के कूटनीतिक हालात का चित्रण करने के साथ ही राष्ट्रवाद की ओर भी इशारा करती है. इस कार्यक्रम में वक्ताओं और आलोचकों के साथ आशुतोष कुमार झा, डॉ संध्या सिन्हा, परमानंद रमण, सुशांत, अंकित, अशोक, बीनू, चंद्रावती व संजय जैसे साहित्यप्रेमी भी उपस्थित रहे.
अभी कुछ ही माह पहले इसी कार्यक्रम के तहत बिलासपुर से आये वरिष्ठ कहानीकार सतीश जायसवाल ने अपनी कहानी 'अब घर चलना चाहिए' का पाठ किया था. यह कहानी एक कॉफी हाउस की खिड़की से बाहर देख रहे दो बुजुर्गों के आपसी संवाद के माध्यम से आगे बढ़ती है. श्रोताओं का कहना था कि इस मनोवैज्ञानिक कहानी के कई आयाम हैं जिस पर विस्तार से बात करने की जरूरत है. इस मासिक संवाद गोष्ठी की विशेषता यह है कि यहां रचना पाठ के बाद रचनाकार के साथ ही वहां उपस्थित साहित्यकार व साहित्य प्रेमी रचना के बारे में अपना मंतव्य व्यक्त करते हैं. हर बार साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति देखते ही बनती है.