नई दिल्लीः साहित्य, संस्कृति एवं समाज के उत्थान एवं कल्याण के क्षेत्र में सक्रिय संस्था 'साहित्य सृजन कुटुंब' के संयोजन एवं तत्वाधान में रंगारंग होली की साहित्यिक गोष्ठी संपन्न हुई. दिल्ली के वरिष्ठ एवं प्रसिद्ध साहित्यकारों ने साहित्य के फागुनी रंग बिखेरे. इस दौरान गीत, ग़ज़ल, हास्य-व्यंग्य एवं मुक्त छंद की कविताओं से महफिल गुलजार रही और उपस्थित साहित्यकारों की शानदार प्रस्तुति ने फागुन के रंग को और गहरा किया. सर्वप्रथम वरिष्ठ कवि दिनेश तिवारी ने मां सरस्वती की वंदना करते हुए कार्यक्रम का आग़ाज़ किया. इसके बाद डॉक्टर अवधेश तिवारी 'भावुक' ने स्वागत वक्तव्य दिया. इस अवसर पर अंग वस्त्र और पुष्पमाला द्वारा सभी का सम्मान किया गया.
होली की साहित्यिक गोष्ठी में उपस्थित साहित्यकारों में डॉक्टर अवधेश तिवारी 'भावुक', डॉक्टर रश्मि झा, नूतन वर्मा, डॉक्टर बिजेंद्रपाल सिंह 'मयंक', कलश कारवां फाउंडेशन ट्रस्ट के संस्थापक राही राज एवं उनकी पत्नी प्रीति राही, त्रिपुरारी कुमार पांडेय, दीपक वशिष्ठ, सुंदर सिंह चौधरी 'सरल', डॉक्टर सत्यम भास्कर 'भ्रमर पुरिया, सविता इत्यादि थे. वरिष्ठ कवि सह अधिवक्ता राजेंद्र चंचल की अध्यक्षता एवं विभा राज 'वैभवी' के कुशल संचालन में कार्यक्रम संपन्न हुआ. संस्था की संस्थापिका सह संयोजिका संतोष कुमारी 'संप्रीति' ने आमंत्रित अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए होली पर्व की मंगलकामनाएं प्रेषित की. साहित्यकारों ने एक दूजे को गुलाल का टीका लगाकर होली पर्व की शुभकामनाएं दीं और रात्रि प्रीतिभोज के साथ सरस फागुनी होली मिलन समारोह का समापन हुआ.