नई दिल्लीः साहित्य अकादमी ने 'साहित्य मंच' कार्यक्रम के तहत पांच पंजाबी रचनाकारों को रचना-पाठ के लिए आमंत्रित किया. जिसका आरंभ अरकमल कौर की स्वरचित पंजाबी ग़ज़ल से हुआ. अरकमल की रचना वर्तमान सामाजिक हालात पर गहरे तंज से भरपूर थी. उनके बाद रचनाकार बलजिंदर नसराली ने अपने कहानी-संग्रह 'डाकखाना ख़ास' से एक कहानी प्रस्तुत की जो पहले-पहल पंजाबी समाचार-पत्र 'अजीत' में प्रकाशित हुई थी. यह कहानी पंजाब में कृषि कार्य के लिए आए मज़दूरों पर केंद्रित थी और एक सत्य घटना से प्रेरित थी. कथाकार गुरदीप कौर ने भी एक कहानी प्रस्तुत की, जिसमें एक पिता और बेटी के भावनात्मक रिश्ते को प्रस्तुत किया गया था.

केंद्रीय साहित्य अकादमी के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में जसविंदर बिंद्रा एवं ममता ने विभिन्न विषयों पर केंद्रित कविताएं प्रस्तुत कीं. कार्यक्रम का संचालन पंजाबी परामर्श मंडल के सदस्य रवि रविंदर ने किया. उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई भी साहित्य तभी बचा रह सकता है, जब वह कमज़ोर वर्गों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करे. इस अवसर पर पंजाबी परामर्श मंडल की संयोजक वनिता ने सभी रचनाकारों को उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान में पंजाबी भाषा को, लेखकों के साथ ही उत्साह बढ़ाने वाले पाठकों, श्रोताओं की भी ज़रूरत है. कार्यक्रम में पंजाबी के कई साहित्यकार और विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं भी भारी संख्या में उपस्थित थे. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन साहित्य अकादमी के संपादक अनुपम तिवारी ने किया.