नई दिल्ली: साहित्य अकादमी द्वारा हर साल आयोजित किए जाने वाले सालाना जलसे 'साहित्योत्सव 2019' का आगाज साहित्य अकादमी की प्रदर्शनी के उद्घाटन से हुआ. इस प्रदर्शनी में अकादमी की साल भर की गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया है. प्रदर्शनी का उद्घाटन पद्म भूषण सम्मान प्राप्त प्रख्यात लेखक एवं राज्य सभा के पूर्व संसद सदस्य मृणाल मिरी ने रवींद्र भवन परिसर में किया गया. इस अवसर पर पारंपरिक दक्षिण भारतीय वाद्य यंत्रों के स्वरों के बीच दीप प्रज्जवलन हुआ. मृणाल मिरी के साथ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार, उपाध्यक्ष माधव कौशिक, साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव एवं विभिन्न भारतीय भाषाओं के संयोजक भी उपस्थित थे.

 

साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि इस प्रदर्शनी में जहां पिछले वर्ष की प्रमुख गतिविधियों को दर्शाया गया है वहीं महात्मा गाँधी के 150वें जन्म वर्ष के उपलक्ष्य में एक विशेष कॉर्नर बनाया गया है, जिसमें महात्मा गाँधी द्वारा लिखित और उन पर लिखी गई लगभग 700 पुस्तकें भी प्रदर्शित की जा रही हैं. उन्होंने आने वाले दिनों में साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों विशेषकर अखिल भारतीय आदिवासी लेखिका सम्मिलन और ट्रांसजेंडर कवि सम्मिलन के बारे में भी जानकारी दी. साहित्य अकादमी की वर्ष 2018 की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष अकादमी द्वारा 501 साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें नागालैंड, मिजोरम और अंडमान और निकोबार में पहली बार कार्यक्रम आयोजित हुए. अकादेमी ने इस साल 493 पुस्तकें प्रकाशित कीं और 197 से ज्यादा पुस्तक मेलों में शामिल हुई. इस दौरान 4.25 करोड़ रुपए की पुस्तकों की बिक्री हुई. उद्घाटन के पश्चात् अतिथियों ने पूरी प्रदर्शनी का अवलोकन किया.