नई दिल्लीः संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में संस्कृति मंत्रालय के तहत स्वायत्त निकाय के रूप में काम कर रही साहित्य अकादमी द्वारा भारतीय साहित्य के विदेशी भाषाओं में अनुवाद को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि हाल के वर्षों में अकादमी ने कई उत्कृष्ट भारतीय ग्रंथों और लोकप्रिय भारतीय कृतियों को विदेशी भाषाओं में संवर्धित किया है, जैसे कि रामायण का अयोध्या कांड, कंबन द्वा कथित तमिल से अंग्रेजी में, मलयालम के चेम्मीन से अंग्रेजी और कई पूर्वी यूरोपीय भाषाओं में, तुलसीदास की कवितावली का अंग्रेजी में, प्रेमचंद के गोदान का अंग्रेजी में, एसएन पेंडसे की गारंबीचा बापू को अंग्रेजी में, विभूति भूषण बंद्योपाध्याय की पाथेर पांचाली का फ्रेंच में कराया है. 

रेड्डी ने बताया कि अकादमी ने 10 भारतीय भाषाओं की निम्नलिखित 10 पुस्तकों का चीनी, रूसी और अंग्रेजी में भी अनुवाद प्रकाशित किया है. सैयद अब्दुल मलिक की असमिया कृति सुरुज्मुख स्वप्ना; तारा शंकर बंद्योपाध्याय की बंगाली कृति आरोग्य निकेतन; झावेरचंद मेघानी की गुजराती कृति वेविशाल; निर्मल वर्मा की हिंदी कृति कव्वे और काला पानी; एस एल भैरप्पा की कन्नड़ कृति पर्व; मनोज दास की ओड़िया कृति मनोज दसंका कथा ओ कहिनी; गुरदयाल सिंह की पंजाबी कृति मरही दा दिवा; डी. जयकांतन की तमिल कृति सिला नेरंगलिल सिला मणिदरगल; आर विश्वनाथ शास्त्री की तेलुगु कृति इलू और राजिंदर सिंह बेदी की उर्दू कृति एक चादर मैली सी शामिल है. उपर्युक्त अनुवादों और प्रकाशनों के अलावा अकादमी ने कई शीर्षकों को विदेशी भाषाओं में प्रकाशित, अनूवादित कराया है.