नई दिल्लीः साहित्य अकादमी ने अपने महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम 'नारी चेतना' के अंतर्गत डा. संगीता गोयल, डा. उद्दीपना गोस्वामी, डा. मौलिश्री एवं नबीना दास जैसी अंग्रेजी की चार प्रख्यात रचनाकारों को रचना-पाठ के लिए आमंत्रित किया. इस अवसर पर डा संगीता गोयल ने अपने उपन्यास शी-ए वूमेन फ्रॉम इंडिया के कुछ अंश प्रस्तुत किए. यह उपन्यास आस्ट्रेलिया में रह रही भारतीय महिलाओं की अरेंज मैरिज के दुष्परिणामों पर केंद्रित था. डा. गोयल वर्तमान में दूरदर्शन की अतिरिक्त महानिदेशक हैं और यहां से पहले मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान की प्रमुख भी रही हैं. डा. उद्दीपना गोस्वामी जो कि प्रख्यात कवयित्री, शैक्षणिक एवं मीडिया सलाहकार हैं, ने अपनी कविता तेजिमोला प्रस्तुत की जो कि उत्तर-पूर्व की लोककथा पर आधारित थी। उन्होंने अपनी एक कहानी भी प्रस्तुत की. डा. गोस्वामी ने कई असमी और बांग्ला रचनाओं का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया है 
डा. मौलिश्री ने अपने हाल ही में प्रकाशित पहले उपन्यास अरित्रिका  के कुछ अंश प्रस्तुत किए. यह उपन्यास एक युवा लड़की के अपने सहपाठी से किए एकतरफा प्यार पर केंद्रित है. डा. मौलिश्री भारत सरकार में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रही हैं और वर्तमान में नीति आयोग में नियुक्त हैं. प्रख्यात लेखिका नबीना दास ने अपनी कुछ कविताएं प्रस्तुत कीं. उनके कविता-संग्रह ब्ल्यू वेसल एवं संस्कारनामा वर्ष 2018 के सर्वश्रेष्ठ कविता-संग्रहों में शामिल रहे हैं. वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की राइटर इन रेजिडेंस भी रही हैं. कार्यक्रम का संचालन इंडियन लिटरेचर के संपादक एजे थामस ने किया. कार्यक्रम में सुकृता पॉल कुमार, कमल कुमार सहित विभिन्न भाषाओं के महत्त्वपूर्ण लेखक एवं पत्रकार उपस्थित थे.