नई दिल्लीः हिंदी और हिंदी साहित्य के विकास को लेकर बड़े ही नहीं छोटे स्तर पर भी तमाम प्रयास जारी हैं और कई संस्थाएं अपने-अपने स्तर से इस काम में लगी हैं. युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच भी इन्हीं में से एक है. लगभग पांच साल पहले इस संस्था का गठन नवलेखक युवाओं को अपने समकालीन  रचनाकारों, जिसमें स्थापित और बुजुर्ग दोनों ही लेखक शामिल थे, से रूबरू कराने के लिए इस संस्था का गठन किया गया. अपने काम और मासिक साहित्यिक गोष्ठियों, जिनमें कविता और कथा पाठ के कार्यक्रमों से यह संस्था ने बहुत तेजी से एक बड़े इलाके में फैल गई और इसके बैनर तले देश में हर माह कहीं न कहीं आयोजन होते ही रहते हैं.

संस्था के अध्यक्ष रामकिशोर उपाध्याय के मुताबिक राजधानी दिल्ली के अलावा हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में काव्य महोत्सव एवं साहित्यकार समारोह के अलावा वार्षिक साहित्य सम्मान समारोह का भी आयोजन संस्था करती है. इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए हम युवा साहित्यकारों को किसी एक वरिष्ठ साहित्यकार के रचनात्मक अनुभव से रूबरू कराने के लिए 'साहित्यकार से मिलिए एवं काव्य-रस धारा' कार्यक्रम भी आयोजित करा रहे हैं. इस तरह के आयोजन के पहले अतिथि साहित्यकार कवि लक्ष्मीशंकर वाजपेयी हैं. यह कार्यक्रम 2 सितंबर को राजधानी दिल्ली में आयोजित है. 

आकाशवाणी दिल्ली के निदेशक रहे लक्ष्मीशंकर वाजपेयी एक जाने-माने कवि और लेखक हैं. उन्होंने  ग़ज़ल के साथ-साथ हाइकु, लेख, व्यंग्य व बालसाहित्य की विधाओं में सृजन किया है. उनके गज़ल-संग्रह 'खुशबू तो बचा ली जाए' तथा 'बेज़ुबान दर्द' ने खासी चर्चा बटोरी थी. उनकी रचनाओं का तमिल, पंजाबी, डोगरी, उर्दू, जापानी, अंग्रेज़ी आदि भाषाओं में अनुवाद हो चुका है. काव्यमंचों पर भी व्यापक स्तर पर भागीदारी निभाने वाले वाजपेयी ने सौ से अधिक समारोहों और घटनाओं की कमेंट्री का प्रसारण करने के साथ ही अनेक पत्र-पत्रिकाओं व संकलनों में विविध विधाओं पर लिखकर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है. युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति पर उनका कहना था कि मैं फकीर किस्म का व्यक्ति हूं और प्यार से बुलाए जाने पर कहीं भी पहुंच जाता हूं. फिर यहां तो युवा रचनाकारों से अपने अनुभव बांटने और उन्हें अपनी रचनाएं सुनाने की बात है. निश्चय ही किसी भी लेखक के लिए यह खुशी की बात है कि वह अपने पाठकों और जिज्ञासुओं से सीधे रूबरू हो रहा है.