नई दिल्लीः साहित्य अकादमी ने अनुवाद पुरस्कार 2018 की घोषणा कर दी है. साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में कार्यकारी मंडल की बैठक में 24 पुस्तकों को साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार के लिए अनुमोदित किया गया. पुस्तकों का चयन नियमानुसार गठित संबंधित भाषाओं की त्रिसदस्यीय निर्णायक समिति की संस्तुतियों के आधार पर किया गया. ये पुरस्कार, पुरस्कार 1 जनवरी 2012 से 31 दिसंबर 2016 के दौरान प्रथम प्रकाशित कृतियों के लिए दिए गए हैं. साहित्य अकादमी के अनुसार हर भाषा के लिए तीन सदस्यीय निर्णायक समिति की संस्तुतियों के आधार पर 'अनुवाद पुरस्कार 2018' की घोषणा की गई है. अनुवाद पुरस्कार के विजेताओं को सम्मान के रूप में 50 हजार रुपए की राशि और उत्कीर्ण ताम्रफलक इसी साल एक विशेष समारोह आयोजित कर प्रदान किए जाएंगे.

 

साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार 2018 के लिए जिन अनुवादकों को चुना गया उनमें असमिया के पार्थ प्रतिम हजारिका को 'रामायण: गंगार पोरा ब्रह्मपुत्रालोई', बांग्ला के मबिनुल हक़ को 'लेप ओ अन्यान्यो गल्प', बोडो के नबीन ब्रह्म को 'बिनदिनी', डोगरी के नरसिंह देव जम्वाल को 'पखेरू', अंग्रेज़ी के सुबाश्री कृष्णास्वामी को 'द तमि स्टोरी – थ्रू द टाइम्स, थ्रू द टाइड्स', गुजराती के विनेश अंतानी को 'मायादर्पण', हिंदी के प्रभात त्रिपाठी को 'वंश- महाभारत कविता', कन्नड़ में स्व गिरड्डी गोविंदराज को 'जय: महाभारत सचित्र मारुकथन', कश्मीरी के मो. ज़मां आज़ुर्दा को 'सखतियात पास सखतियात ते मशरिकी शेरियात', कोंकणी के नारायण भास्कर देसाय को 'राजवाडे लेखसंग्रह', मैथिली के सदरे आलम 'गौहर' को 'हेराएल जकाँ किछु', मलयालम के एम. लीलावती को 'श्रीमद् वाल्मीकि रामायण', मणिपुरी के राजकुमार मोबि सिंह को 'मपुङ फडब', मराठी के प्रफुल्ल शिलेदार को 'संशयात्मा', नेपाली के मणिका मुखिया को 'यो प्राचीन वीणा', ओड़िया के श्रद्धांजलि कानूनगो को 'श्रीमयी माँ', पंजाबी के के.एल. गर्ग को 'गोपाल प्रसाद व्यास दा चौनवन हास व्यंग', राजस्थानी के मनोज कुमार स्वामी को 'नाव अर जाळ', संस्कृत के दीपक कुमार शर्मा को 'असमा वांग्मंजरी', संताली के रूपचंद हांसदा को 'सेन दरयक'अन मेनखन चेदक', सिंधी के जगदीश लछाणी को 'मनजोगी', तमिल के कोलचेल मु. यूसुफ़ को 'तिरुतन मण्यनपिल्लै', तेलुगु के ए. कृष्णाराव 'कृष्णुडु' को गुप्पेडु सूर्युडु मारि कोन्नि कविथलु, उर्दू के ज़किया मसद्दी को 'आख़री सलाम' के लिए चुना गया है.