नई दिल्ली: नांगलोई के आर्य समाज शिव राम पार्क में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला सशक्तिकरण के लिए एक भव्य यज्ञ व काव्य संध्या का आयोजन किया गया. इस अवसर पर आर्य समाज के मर्मज्ञ विद्वान भद्र काम वर्णी ने महिलाओं के प्रति मंगल कामना करते हुए उनके सुखद उज्जवल भविष्य की कामना की और विवाह संस्कार में होने वाली क्रिया गठबंधन की विस्तृत व्याख्या की. महिलाओं के सम्मान में उन्होंने समाज को आगे आने के लिए प्रेरित किया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कवि गीतकार डॉ जय सिंह आर्य ने एक इंसान के जीवन में महिला की विविध भूमिका का जिक्र करते हुए जब यह दोहा पढ़ा-
सहती रहती है सदा तानों की बरसात
किस मिट्टी की है बनी यह बेटी की जात..
तो जहां दर्शक तालियां बजाने के लिए विवश हो गए, वह्म भ्रूण हत्या पर जब उन्होंने यह मुक्तक पढ़ा तो सभी सोचने के लिए विवश हो गए. मुक्तक थाः
तेरे आंगन में कली खिल जाती
एक नन्ही सी परी मिल जाती
भ्रूण हत्या से बच गए होते
मुस्कुराहट लबों पे खिल जाती
इस अवसर पर उपस्थित स्त्री-पुरुषों ने महिलाओं के सम्मान के लिए वचनबद्धता पेश की. उपस्थित लोगों में पवन आर्य, राजेंद्र आर्य, शिक्षा देवी, कविता देवी, रोशनी देवी, उर्मिला आर्य, दीपा आर्य, वर्षा आर्य, ओमवती मान, धर्मेंद्र शर्मा, उपेंद्र आर्य, राहुल आर्य, मान सिंह, करण सिंह एवं कुलदीप आदि शामिल थे. कार्यक्रम के संयोजक भोपाल सिंह आर्य ने सभी आमंत्रित अतिथियों का विधिवत सम्मान पटका पहनाकर किया तथा कार्यक्रम की सफलता पर आभार व्यक्त किया.