मुजफ्फरनगरः स्थानीय एस.डी. कालेज में 'सरोकार-2018' के तहत महात्मा गांधी के 150वें जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में एक व्याख्यान का आयोजन हुआ, विषय था 'हमारा समय और गांधी'. इस व्याख्यान में पत्रकार एवं गांधी दर्शन के अध्येता अरविन्द मोहन ने चम्पारण सत्याग्रह को याद करते हुए कहा कि गांधी ने समाज को एक सम्पूर्ण जीवन दर्शन दिया. वह गांधी ही थे जिन्होंने अच्छाई की शुरुआत स्वयं से की. उन्होंने पहले अपने ऊपर प्रयोग किए. गांधी ने हमें अपने जीवन की कमजोरियों से लड़ना सिखाया. आज हमारे लिए गांधी के पास जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि गांधी का रास्ता पूरी दुनिया को पसन्द आया. गांधी ने ही अहिंसा को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का रास्ता दिखाया. गांधी ने दलित आंदोलन को सच्चे अर्थों में एक नया आयाम दिया. उन्होंने कहा कि गांधी गौसेवक थे, गौभक्त नहीं. गांधी ने अच्छी चीजों को आगे बढ़ाया, लेकिन आज पर्दे के पीछे से वे बुराइयां वापिस रही हैं, जिन्हें गांधी ने किनारे कर दिया था.

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भोपाल के प्रधान आयकर आयुक्त एवं वरिष्ठ गांधीवादी लेखक डा. आर. के. पालीवाल ने कहा कि आज गांधी पूरे विश्व की मजबूरी हैं. अगर हमें अपनी प्रकृति और संस्कृति को बचाना है तो गांधी के आदर्शों पर चलना होगा. गांधी ने सच्चे अर्थों में भारत की आत्मा को पहचानाउन्होंने स्वामी कल्याणदेव को याद करते हुए कहा कि जब गांधी विपरीत माहौल में काम कर सकते हैं तो हम इस माहौल में काम क्यों नहीं कर सकते. कार्यक्रम में एस.पी. यातायात बी.बी. चैरसिया तथा एस.डी. कालेज के प्राचार्य डा. एस.सी. वार्ष्णेय ने भी अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम के संयोजक रोहित कौशिक नेसरोकार-2018’ के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए अतिथियों का परिचय दिया. महात्मा गांधी की प्रसिद्ध पुस्तकहिन्द स्वराजपर केन्द्रित पोस्टर बनाने के लिए श्रीराम गर्ल्स कालेज के विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया. प्रतिभा त्रिपाठी ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन अमित धर्मसिंह ने किया. कार्यक्रम में मनोज धीमान, प्रो. जे.पी. सविता, डा. बी.के. मिश्र, डा. आर. एम. तिवारी, नेमपाल प्रजापति, मनु स्वामी, परमेन्द्र सिंह, अश्वनी खण्डेलवाल, रामकुमार रागी, .कीर्तिवर्धन, कस्तूर सिंह स्नेही, के.डी गौतम, डा. चन्द्रकान्त कौशिक, अंकुर गौतम, सुशीला शर्मा, सविता वर्मा एवं मोहित कौशिक समेत शहर के अनेक बुद्धिजीवी शामिल रहे. इस कार्यक्रम के संयोजक साहित्यकार रोहित कौशिक रहे. वह सरोकार का वार्षिक आयोजन करते रहते हैं.