नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में किताबों का लोकार्पण और काव्य संध्या का आयोजन आम है, इसीलिए किसी भी कार्यक्रम की सफलता वक्ताओं से अधिक श्रोताओं की उपस्थिति से आंकी जाती है. 'नवांकुर साहित्य सभा' की ओर से लोधी रोड के इंडिया हेबिटेट सेंटर में आयोजित 'षष्टम काव्यांकुर काव्य-संध्या एवं साझा संकलन' का लोकार्पण समारोह अतिथियों व श्रोताओं की उपस्थिति के लिहाज से खासा सफल रहा. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि बालस्वरूप राही ने की, जिसमें महेश चन्द्र शर्मा, दीक्षित दनकौरी, डा. बी एल गौड़, डा. देवेंद्र प्रधान एवं रामावतार बैरवा के साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर विनय शील, सरोज शर्मा, कमलेश कौशिक व संध्या प्रहलाद उपस्थित रहीं. मुख्य अतिथियों का स्वागत 'नवान्कुर साहित्य सभा' के अध्यक्ष अशोक कश्यप, महासचिव के शंकर सौम्य एवं कोषाध्यक्ष मो. इमरान अँसारी ने पुष्प हार, शाॅल तथा स्मृति चिन्ह से किया.

काव्य संध्या का प्रारंभ संस्था के अध्यक्ष अशोक कश्यप की सरस्वती वंदना से हुआ. फिर 'काव्यांकुर-6' पुस्तक का लोकार्पण हुआ. इसके बाद देश भर से आए नवान्कुर कवियों की कविताओं में से 'काव्यान्कुर-6' के लिए निर्णायक मंडल द्वारा चयनित कवियों ने अपनी कविता का पाठ किया. इन नवांकुर कवियों में योगिता शर्मा 'जीनत', तनुजा शर्मा 'मीरा', जितेन्द्र सुकुमार, ओम प्रकाश 'कल्याणे', नुपुर शाण्डिल्य, योगेश तिवारी, अशोक बाबू 'माहौर', नेहा दुबे, रीता जयहिंद, मीना चौधरी 'सलौनी', सरिता तिवारी, कंचन चौहान, डा. संजीत झा 'सरस', राहुल प्रसाद एवं इन्द्रजीत ने अपनी श्रेष्ठ रचनाओं का काव्य पाठ किया. कार्यक्रम में महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश तथा उत्तर प्रदेश से कई कवि अपने सगे संबंधियों और मित्रों सहित इस आयोजन में शामिल होने पहुंचे थे. कार्यक्रम संचालन हर बार की तरह नरेन्द्र निहार ने किया. कार्यक्रम सफलता में जगदीश मीणा, संजय गिरि, सरिता जैन, कल्पना शुक्ला का काफी योगदान रहा. इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गांधीजी के प्रतिरूप बने रमेश और उन्हीं को केंद्र में रखकर अशोक कश्यप द्वारा गाया गीत रहा. लोग गांधीजी के प्रतिरूप के साथ फोटो/सैल्फी लेने के लिये लालायित दिखे.